103 हो गया है। जिलाधिकारी के मुताबिक, आज शाम को बैठक होगी, जिसमें लॉकडाउन पर चर्चा करेंगे। इसमें पुलिस और नगर निगम के अलावा स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोग शामिल होंगे।
हालांकि, जिलाधिकारी सुशील चव्हाण ने लॉकडाउन लगाए जाने के संकेत पहले ही दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिले में लॉकडाउन लगाया जा सकता है, लेकिन इस बार सभी को इसके लिए तैयार होने का पर्याप्त समय दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यदि इसी तेजी से संख्या बढ़ती रही, तो अस्पतालों में बिस्तर की कमी हो जाएगी। ऐसे में लॉकडाउन के अलावा दूसरा विकल्प नहीं दिख रहा।
जिलाधिकारी के मुताबिक, गत शुक्रवार तक जिले में इलाज करा रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या 2 हजार 910 थी। इस दिन पांच मरीजों की मौत भी हो गई थी। वहीं, 179 और मरीजों को छुट्टी दे दी गई। जिले में अब तक ठीक हुए कोरोना संक्रमितों की संख्या 47 हजार 909 हो चुकी है। वहीं, पांच सक्रमितों की मौत होने से मृतकों की संख्या एक हजार दो सौ 84 हो गइ है। औरंगाबाद नगर निगम प्रशासन के अनुसार, हम स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं। पहले भी जब हालात बिगड़े और कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी, तो हमने स्थिति को संभाल लिया था, मगर अब यह चुनौती बन गया है।
जिलाधिकारी सुशील चव्हाण के अनुसार, मार्च में अचानक मामले बढऩे लगे हैं। एक मार्च के बाद से जिले में कोरोना के एक हजार 737 नए केस सामने आ चुके हैं। हालांकि, इसमें 911 संक्रमित इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। वहीं, शुक्रवार तक 17 मरीजों की मौत भी हो चुकी है, जो चिंताजनक है। बता दें कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा के दूसरे जिलों में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। इसमें जालना में 202, बीड में 97, लातूर में 108, नांदेड़ में 128, उस्मानाबाद में 26, हिंगोली में 46, और परभणी जिले में 47 नए मामले बीते 24 घंटे में आ चुके हैं। वहीं, विदर्भ क्षेत्र से आने वाली बसों पर प्रतिबंध, राजनीतिक कार्यक्रम, आंदोलन और धार्मिक पूजा स्थलों पर प्रतिबंध 15 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया गया है।