इसी कड़ी में अब महाराष्ट्र ( Maharashtra ) और गुजरात ( Gujrat ) में फंसे करीब 3000 प्रवासी मजदूर ( Migrant Labour ) उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) पहुंचे। महाराष्ट्र से जहां 2100 तो वहीं गुजरात के अहमदाबाद से करीब 800 मजदूर श्रमिक ट्रेनों से यूपी पहुंचे।
तंबाकू-सिगरेट सेवन करने वालों के लिए सरकार ने जारी की नई चेतावनी, जानें क्या रखना होगी सावधानी अधिकारियों के अनुसार, 2,127 मजदूरों के साथ दो ट्रेनें सोमवार को तड़के महाराष्ट्र के भिवंडी और वसई रोड रेलवे स्टेशनों से गोरखपुर पहुंचीं।
लखनऊ में, सुबह 8.30 बजे नागपुर से 1,021 से अधिक फंसे हुए मजदूर पहुंचे। इसके बाद उनमें कोरोना वायरस की जांच की गई। जांच के बाद सभी को उनके घरों में भेजा गया। लखनऊ डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके बोस ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने राज्य की राजधानी में आने वाले प्रवासी श्रमिकों को ले जाने के लिए 44 बसों को तैनात किया है।
उन्होंने बताया कि इन सभी बसों को सैनिटाइज कर दिया गया था। सुबह 11 बजे मजदूर बसों में सवार हो गए। यात्रा से पहले उन्हें भोजन, पानी और मास्क प्रदान किए गए थे। इसके बाद बसें गोरखपुर, बस्ती, मुरादाबाद, प्रयागराज और सोनभद्र के लिए रवाना हुईं।
मनमानी फीस वसूलने वाले प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ सरकार सख्त, सील किए स्कूल गोरखपुर के एसडीएम (सदर) गौरव सिंह सोगरवाल के मुताबिक, “भिवंडी से पहली ट्रेन सोमवार को 1.20 बजे 1,145 यात्रियों को लेकर आई। वहीं वसई रोड रेलवे स्टेशन से दूसरी ट्रेन सुबह करीब 5.30 बजे 982 यात्रियों को लेकर आई।
उन्होंने कहा कि ट्रेनों और बसों में सामाजिक दूरी के मानदंड का सख्ती से पालन किया जा रहा है।
महाराष्ट्र के भिवंडी में करघा का काम करने वाले एक मजदूर राम शबद ने राज्य में वापसी पर खुशी जताई। उसने कहा कि “मुझे खुशी है कि आखिरकार मैं अपने गृहनगर पहुंचा।
रास्ते में हमें खाना और पानी मिला। ट्रेन में चढ़ने से पहले, मेरे दस्तावेजों की जांच की गई। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर मेरी थर्मल स्क्रीनिंग की गई।” वहीं कुछ मजदूरों ने बताया कि उन्होंने स्लीपर क्लास में जनरल क्लास का किराया दिया है।
अधिकारियों के मुताबिक, एक ट्रेन की बोगी में केवल 54 लोगों को जाने की अनुमति थी। ट्रेनों में यात्रा टिकट परीक्षक और आरपीएफ कर्मचारी भी तैनात किए गए थे।