असम में बाढ़ ( Assam Floods ) के कारण बड़ी संख्या में लोगों के घर क्षतिग्रस्त ( Home damaged ) हो गए हैं। प्राकृतिक आपदा की वजह से लाखों को लोग बेघर हो गए हैं। खेतों में किसानों की फसलें तबाह ( Crops destroyed ) हो गईं और कई स्थानों पर सड़कें और पुल टूटने से आवागमन भी प्रभावित है।
Corona से पार पाने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटी पूरी दुनिया, भारत में मार्च तक पूरा हो जाएगा Human Trial भूस्खलन से 26 की मौत असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ( Assam State Disaster Management Authority ) ने बताया है कि बाढ़ की वजह से 2 व्यक्तियों की मौत बारपेटा में और एक व्यक्ति की मौत दक्षिण सालमारा जिले में हुई। अभी तक कुल 105 लोगों की मौत हुई है जिनमें से 26 की जान भूस्खलन ( Landslide ) की चपेट में आने के कारण गई।
96 जानवर भी मरे एएसडीएमए ( ASDMA ) से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार बरसात के मौसम में काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 96 पशुओं की जान चली गई। बाढ़ का पानी काजीरंगा नेशनल पार्क ( Kaziranga National Park ) में भर गया है और जानवरों का जीवन खतरे में है। वन विभाग के द्वारा जानवरों को बचाने के लिए राहत कार्य जारी है।
India-China Faceoff : फिजिकल वेरिफिकेशन में बड़ा खुलासा – लद्दाख के कई की-प्वाइंटों पर अभी भी जमे हैं चीनी सैनिक असम के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्ण ने बताया कि बाढ़ प्रबंधन ( Flood management ) को लेकर कोई समस्या नहीं है क्योंकि बाढ़ एवं कोविड-19 ( Covid-19 ) के लिए सरकारी कर्मचारियों के अलग-अलग दलों को तैनात किया गए हैं। 17 जुलाई को बाढ़ से प्रभावित जिलों की संख्या 28 थी और प्रभावित लोगों की संख्या 35.76 लाख थी। इस लिहाज से बाढ़ का असर कम होने लगा है।
धुबरी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित होजई और पश्चिम कारबी आंगलोंग जिलों में हालात बेहतर होने से इस संख्या में कमी आई है। धुबरी ( Dhubri ) जिले में बाढ़ से सर्वाधिक 4.69 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। एसडीआरएफ, जिला प्रशासन तथा स्थानीय लोगों ने बीते 24 घंटे में 511 लोगों को बचाया है।
2678 गांव जलमग्न एसडीआरएफ की ओर से जारी बुलेटिन में बताया गया कि कम से कम 2,678 गांव अभी जलमग्न हैं। बाढ़ की वजह से 1,16,404 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो गई है।