नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती का राजनीतिक दलों के नेता पहले से ही विरोध कर रहे हैं। अब 25 हजार और जवानों की तैनाती की सूचना ने सियासी दलों की बेचैनी बढ़ा दी है।
दूसरी तरफ अतिरिक्त जवानों की तैनाती के निर्णय से जल्द विधानसभा चुनाव होने के आसार भी बढ़ गए हैं। हालांकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस बात के संकेत नहीं दिए हैं। लेकिन घाटी में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती से इस चर्चा को बल जरूर मिला है।
तीन तलाक बिल बना कानून, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी मंजूरी281 कंपनियां पहुंची J-K जानकारी के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में 25 हजार जवान और भेजे जाएंगे। इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार ने घाटी में 100 कंपनियों को भेजने के आदेश दिए थे। अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों को घाटी में भेजने के मौखिक आदेश जारी किए गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक पिछले 4 दिनों में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF) की 281 कंपनियां कश्मीर पहुंच चुकी हैं। केंद्र सरकार ने इससे पहले कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने का फैसला लिया था।
अब कयास लगाए जा रहे हैं कि 35ए को हटाने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के घाटी से लौटने के दो दिन बाद अतिरिक्त कंपनियों को जम्मू-कश्मीर भेजने का आदेश जारी किया है।
बता दें कि लोकसभा 2019 चुनाव के घोषणापत्र में भी भाजपा ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35ए और 370 को खत्म करने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी। भारतीय जनता पार्टी का तर्क है कि ये अनुच्छेद राज्य के एकीकरण में बाधा बनने के अलावा जम्मू-कश्मीर के विकास में भी रुकावट साबित हो रहा है। मोदी सरकार के इस कदम से लग रहा है उसने इस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।
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