हालांकि जीका का संक्रमण रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक मिले मरीजों के तीन किलोमीटर आसपास सर्विलांस बढ़ा दिया है। एडी हेल्थ डॉ. राजकुमार ने बताया कि मंडल में जीका वायरस को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने बताया कि मंडल में गाजियाबाद, नोएडा और मेरठ में विशेष एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि अगर कहीं जीका वायरस का मरीज मिलता है तो उस क्षेत्रों की मैपिंग कराते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर उन लोगों की जांच करेंगी। खासकर ऐसे लोगों की जिनमें बुखार, मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने अथवा शरीर में चकत्ते पड़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। ऐसे क्षेत्रों के एक लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग में नए रोगियों की पहचान की जाएगी। कोरोना के कोहराम को दो-दो बार झेल चुके लोगों के आगे किसी नए वायरस के आ जाने से चिंता बढने लगी है। हालांकि अभी कोरोना की संभावित तीसरी लहर का खतरा कम नहीं हुआ है। मेरठ में कोरोना के 11 नए केस मिल चुके हैं।
डॉ. राजकुमार ने बताया कि जीका वायरस का संक्रमण जानलेवा नहीं है। कई बार तो मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की भी जरूरत नहीं होती। उन्होंने बताया कि यही नहीं, कानपुर के अलावा प्रदेश में कहीं और अभी तक इसका संक्रमण भी नहीं मिला है। इस आधार पर चिकित्सा विशेषज्ञों का यही मानना है कि कहीं बाहर से ही इसका संक्रमण प्रदेश में आया है।