राज्य सरकार की तरफ से आया था हेलीकॉप्टर सावन (
sawan ) का महीना 17 जुलाई से शुरू हो गया था। उसके बाद कांवड़ियों की एंट्री उत्तर प्रदेश में हो गई थी। 30 जुलाई 2019 को सावन की शिवरात्रि (
Sawan Shivratri ) से एक हफ्ते पहले कांवड़ियों की भीड़ बढ़ने लगी तो पुलिस-प्रशासन की भी दौड़ तेज हाे गई। इसको देखते हुए दिल्ली-देहरादून NH-58 भी वन-वे करने के बाद बंद कर दिया गया। एडीजी जोन
मेरठ ( ADG Zone
Meerut ) प्रशांत कुमार खुद कांवड़ मार्ग ( Kanwar Route ) पर उतरकर कांवड़ियों की सेवा करते देखे गए। इसके लिए हेलीकॉप्टर भी मंगाया गया।
लखनऊ से आया ईंधन पांच दिन कांवड़ियों के ऊपर मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और बुलंदशहर में कांवड़ मार्ग पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। इस बार हेलीकॉप्टर सरकारी था, जिसे शासन से मांगा गया था। हेलीकॉप्टर में एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) लगता है, जो लखनऊ (
Lucknow )से आया। एडीजी जोन ऑफिस के मुताबिक, इन पांच दिनों में हेलीकॉप्टर में करीब 48 हजार लीटर ईंधन खर्च हो गया। इसकी कीमत करीब 28 लाख रुपये बैठी। मतलब एक दिन में कांवड़ियों पर फूल बरसाने में करीब 5 लाख रुपये से ज्यादा का ईंधन खर्च हो गया।
170 कुंतल गुलाब की पंखुड़ियां बरसाई गईं अब बात पुष्पवर्षा की करें तो इस बार पांच दिनों में कांवड़ियों पर 170 कुंतल गुलाब बरसाए गए। इनमें मेरठ और सहारनपुर मंडल के दोनों अधिकारी शामिल रहे। इसका भुगतान ठेकेदार के जरिए होना है, जिसका अभी सही आंकड़ा नहीं मिल पाया है। हालांकि, माना जा रहा है कि प्रति किलो गुलाब की पंखुड़ियों की कीमत 150 रुपये प्रति किलो के करीब है। इस हिसाब से 170 कुंतल गुलाब मतलब 17000 किलाे गुलाब की कीमत करीब 25 लाख 50 हजार रुपये होनी चाहिए। अगर देखा जाए तो करीब 5 लाख रुपये के फूल रोजाना कांवड़ियों पर बरसा दिए गए।
पिछले साल किराये पर लिया था हेलीकॉप्टर वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार आने के बाद कांवड़ यात्रा को लेकर शासन सख्त हो गया था। पिछले साल 2019 में भी पुलिस व प्रशासन ने कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की थी। उस वर्ष हेलीकॅप्टर किराये पर लिया गया था। पिछले साल भी पांच दिन पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की थी। उस समय उसका भुगतान करीब 14.31 लाख रुपये किया गया था। एडीजी जोन के पीआरओ उमेश पचौरी का कहना है कि मेरठ और सहारनपुर मंडलों के लिए सुरक्षा और जायजा लेने के लिए हेलीकॉप्टर आया था। ईंधन की व्यवस्था और फूल बरसाने का टेंडर लखनऊ से दिया गया था।