बता दें कि उप्र नवनिर्वाण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित जानी को गत 6 मार्च 2020 को इंचौली पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अमित जानी को मुजफ्फरनगर के लद्दावाला चौराहे से उस समय गिरफ्तार किया गया था। जब वह देहरादून से वापस लौट रहा था। देहरादून से ही थाना इंचौली पुलिस अमित का पीछा कर रही थी। उसके बाद मुजफ्फरनगर में पहुंचते ही घेर लिया गया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। ब्रहमपुरी थाने के शिवशक्ति नगर निवासी अमित जानी लखनऊ में मायावती की मूर्ति तोड़ने के बाद सुर्खियों में आ गया था। उसके बाद यूपी पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी।
उस दौरान चर्चा उठी कि अमित जानी को सपा का समर्थन प्राप्त है। अमित जानी ने सुर्खियों में आने के बाद उप्र नवनिर्वाण सेना का गठन किया। नेशनल हाइवे 58 पर काश्मीरियों उप्र छोड़ों का पोस्टर लगाकर भी अमित जानी चर्चा में आया था। महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों पर 2009 में हमले के बाद राज ठाकरे के विरोध में अमित जानी ने उप्र नवनिर्वाण सेना का गठन किया था। वर्तमान में वह शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के युवजन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।