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यहां किसानों का लगातार चार साल से चल रहा प्रदर्शन, 22 की हो चुकी मौत, फिर भी इनकी कोर्इ नहीं सुन रहा सोशल मीडिया पर आंदोलन रोकने की कोशिश लखनऊ पुलिस मुख्यालय से भी स्थानीय अभिसूचना इकाई को एलर्ट किया गया है। इसमें कहा गया है कि वे ऐसे ग्रुपों पर नजर रखें, जो खासकर किसानों के लिए बनाए गए हैं और उन पर गांव बंद आंदोलन के फोटो और वीडियो वायरल किए जा रहे हैं। प्रदेश को छोड़कर देश के अन्य राज्यों में जहां पर आंदोलन में तेजी आ रही है उन राज्यों के आंदोलन प्रभावित जिलों में भी धारा 144 लगाई है और कुछ जिलों में सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश पोस्ट करने पर रोक के लिए इस धारा का इस्तेमाल किया गया है। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार पहले और दूसरे दिन किसान आंदोलन पूरी तरह शांत रहा और किसानों ने शांतिपूर्वक इसका विरोध किया।
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फिल्म ‘सारांश’ की पटकथा जैसी ही कहानी है इस मां की, साउदी अरब से सात महीने बाद मिला बेटे का शव प्रदेश पुलिस और खुफिया विभाग तैयार किसान आंदोलन को लेकर प्रदेश पुलिस और खुफिया विभाग को तैयार रहने के निर्देश गृह मंत्रालय से तीन दिन पहले ही आ गए थे। इसमें कहा गया है कि किसी भी शहर में आंदोलन के दौरान आने वाले दिनों में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो, ऐसे इंतजाम किए जाएं। सरकार ने दस जून के भारत बंद आंदोलन को लेकर वेस्ट यूपी के जिलों के पुलिस व प्रशासन को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।