काफी पहले से उठ रही हरित प्रदेश बनाने की मांग
बता दें कि हरित प्रदेश की मांग बहुत पहले से उठ रही है। भाजपा जब सत्ता में नहीं थी तो हरित प्रदेश बनाने का समर्थन करती थी। लेकिन जबसे भाजपा सत्ता में आई है उसके बाद से एक बार भी हरित प्रदेश के प्रस्ताव पर बात नहीं की। हरित प्रदेश की मांग पश्चिमी उप्र के छह मंडलों से उठती रही है। हरित प्रदेश जैसे प्रस्तावित राज्य में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वर्तमान छह मंडलों आगरा, अलीगढ़, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर के अंतर्गत आने वाले 22 जिलों को शामिल करने की मांग समय—समय पर उठती रही है।
यह भी पढ़े : पश्चिमी यूपी के किसानों ने बनाई हरित प्रदेश दुग्ध उत्पादन कंपनी, मंत्री बालियान ने किया उद्धाटन राष्ट्रीय लोकदल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष दिवंगत अजित सिंह इस नए राज्य के प्रबल समर्थक रहे थे। दिसम्बर 2009 में उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने भी हरित प्रदेश के गठन का भी समर्थन किया था। लेकिन उसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया। मेरठ में आयोजित कार्यक्रम में केंद्र में भाजपा सरकार के मंत्री डा0 संजीव बालियान ने मंच से हरित प्रदेश की बात इशारों में करके यह हवा दे दी कि निकट भविष्य में भाजपा सरकार हरित प्रदेश के बारे में सोच सकती है। अगर ऐसा हुआ तो यह पश्चिमी उप्र की जनता के लिए बहुत बड़ी सौगात होगी।