मेरठ

बागपत में तीन मुस्लिम शिक्षकों को लहूलुहान कर ट्रेन से फेंका

सभी घायलों को इलाज के लिए बागपत के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मेरठNov 23, 2017 / 06:10 pm

Iftekhar

बागपत. दिल्ली से सहारनपुर जा रही ट्रेन में दाढ़ी-टोपी वाले तीन मुस्लिम शिक्षकों की चलती ट्रेन में पिटाई के बाद बाहर फेंकने का मामला सामने आया है। सभी घायलों को बागपत के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना में घायल शिक्षक इसरार ने बताया कि दिल्ली से बागपत लौटते वक्त अपने स्टेशन पर पहुंचने से पहले ही कुछ लोगों ने मुस्लिमों द्वारा सिर पर बांधे जाने वाले रुमाल (साफा) का विरोध करते हुए हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि इन लोगों ने लोहे के रोड से हमला किया, जब उनसे पूछा कि क्यों हमारी पिटाई कर रहे हो, तो हमलावरों ने कुछ नहीं कहा। सिर्फ इतना बोला कि सिर पर साफा क्यों बांधते हो।

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पीड़ित मौलवी ने बताया कि इससे पहले कभी भी हमारे साथ ऐसा नहीं हुआ है। वहीं, इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि, पुलिस इसे सीटों को लेकर विवाद मान कर चल रही है। हालांकि, अभी देश में जैसा माहौल है। उसे देखते हुए धार्मिक कट्टरता से भी जोड़कर देखा जा रहा है। सच्चाई क्या है, इसका पता तो जांच के बाद ही चल पाएगा। दिल्ली से सहारनपुर जाने वाली ट्रेन में बागपत के एक मौलवी अपने रिश्तेदारों के साथ अपने गांव चैहल्दा लौट रहे थे। वे सभी अपने सिर पर रुमाल बांधे हुए थे। इसी दौरान रास्ते में उनके साथ मारपीट हो गई। कुछ लोगों का कहना है कि ट्रेन बागपत के अहेड़ा रेलवे स्टेशन के पास जैसे ही पहुंची तो कुछ शरारती युवक ट्रेन में सवार हो गए और सीट पर बैठने को लेकर उनका झगड़ा मौलवी के भतीजे से हो गया, जिसमें मौलवी के भतीजे के साथ मारपीट हो गई। हालंकी, पीड़ित ने सीट के लिए लड़ाई जैसी बात से इनकार करते हुए कहा है कि उन्हें सिर्फ इसलिए निशाना बयाना गया, क्योंकि उनके सिर पर मुसलमानों द्वारा बांधे जाने वाला रुमाल था।

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मारपीट की सूचना मौलवी गुल्जार ने अपने गांव में दी और बागपत कोतवाली पर अज्ञात लोगों द्वारा हमला करने की तहरीर देते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। कोतवाली प्रभारी दिनेश कुमार का कहना है कि मारपीट मौलवी के साथ नहीं, उसके रिश्तेदारों के साथ हुई है। लेकिन, मौलवी ने अपने और अपने रिश्तेदारों के साथ मारपीट की तहरीर दी है। मामले की जांच की जा रही है।

गौरतलब है कि इसी वर्ष 22 जून को हरियाणा के बल्लभगढ़ में ट्रेन में सीट को लेकर हुए मामूली विवाद के बाद एक मुस्लिम किशोर जुनैद की हत्या कर दी गई थी। तब हमलावरों ने आरोप लगाया था कि वह वह बीफ लेकर जा रहा था। इसलिए भीड़ ने उसे मार दिया। हालांकि, जांच के बाद पता चला कि खांडवली गांव निवासी जुनैद ईद की तैयारी के लिए दिल्ली से सामान लेकर अपने घर जा रहा था। हमलावरों ने धार्मिक टिप्पणी करते हुए जुनैद के भाइयों को भी पीटा था। लेकिन, जुनैद की इतनी पिटाई हुई थी कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं, उसका भाई और उसके साथी कई अन्य लोग घायल हो गए थे। भीड़ के हाथों एक मासूम बच्चे की सिर्फ मुसलमान होने के कारम मौत के घाट उतारने का यह मामला पूरे देश में सुर्खियों में बना रहा था। मामले को तूल पकड़ता देख पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में मुख्य आरोपी को महाराष्ट्र के धुले से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद उसने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया था।

इसके साथ ही दिल्ली मेट्रो में भी एक बुजुर्ग मुस्लिम को कुछ युवकों ने पाकिस्तान जाने की बात कहते हुए उनसे अभद्रता भी की थी। उनका गुनाह बस इतना था कि उनके चेहरे पर दाढ़ी और माथे टोपी थी। यह मामला थाने तक पहुंचा तो बुजुर्ग ने इन लड़कों का करियर खराब होता देख मामले को वापस ले लिया था। इसके बाद लड़के भी बुजुर्ग के पैरों पर गिरकर मांफी मांग ली थी।

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