दिल की धमनियां होने लगीं ब्लॉक हाल ही में कोरोना महामारी के बाद लोगों के मन में खौफ था। दिल की धड़कनें बढ़ने लगी थीं। संक्रमण की चपेट में आने के बाद लोग स्वस्थ हुए तो दिल की धमनियां ब्लॉक होने लगीं। राजधानी में विशेषज्ञों के पास ऐसे एक-दो नहीं, बल्कि कई मामले हैं, जिनमें अनियंत्रित जीवनशैली, कोरोना महामारी, नशे के सेवन आदि वजहों से युवाओं में भी हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं।
कोरोना के दौरान बढ़ी हैं मरीजों में ह्रदय की परेशानियां मेरठ के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव सक्सेना ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान मरीजों में ह्रदय की परेशानियां बढ़ी हैं। इसके कई मुख्य कारण भी हैं। पहला लोगों में दिल से जुड़ी परेशानी काफी समय से होना है, लेकिन उसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि दूसरा कारण लॉकडाउन के बाद से दिल के रोगियों के उपचार में आई रुकावट या फिर समय पर दवाओं का सेवन नहीं करना है। तीसरा कारण आधुनिक जीवनशैली और नशे का सेवन है। इनके अलावा, कोविड-19 महामारी में गंभीर रोगियों के उपचार में इस्तेमाल दवाओं की वजह से भी कुछ दुष्प्रभाव दिख रहे हैं।
कोरोना संक्रमण करता है दिल को भी प्रभावित डॉ. सक्सेना कहते हैं कि कोविड के कारण फेफड़ों में संक्रमण और निमोनिया होता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। ठीक होने के बाद दिल से जुड़ी बीमारियों की आशंका बढ़ती दिख रही है। कोरोना संक्रमण दिल को भी प्रभावित करता है। पोस्ट कोविड में लो ब्लड प्रेशर, हार्ट ब्लॉकेज आदि देखने को मिल रहे हैं। आधुनिक जीवनशैली की वजह से दिल की धमनियों में ब्लॉकेज के मामले सामने आ रहे हैं।
संदेह होने पर जरूर लें चिकित्सक से परामर्श उन्होंने बताया कि अभी कुछ मामले ऐसे भी देखने को मिल रहे हैं, जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण हल्के या मामूली थे, लेकिन बाद में उन्हें दिल से जुड़ी तकलीफ होने लगी। लोगों को दिल से जुड़ी परेशानियों पर गंभीर रहना चाहिए। किसी भी प्रकार की तकलीफ, लक्षण या फिर संदेह होने पर चिकित्सक से परामर्श जरूर लें, क्योंकि समय रहते उपचार की बदौलत जान बचाई जा सकती है।