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मिशन 2019 की तैयारियों को लेकर भाजपा वेस्ट यूपी में कर सकती है ये बदलाव कार्यक्रम में वाजपेयी का होना था भाषण कार्यक्रम में उनका भाषण होना था। अटल जी के भाषण के पहले दिन आर्यसमाज की आपसी गुटबंदी में स्वामी अग्निवेश जिनका असली नाम (‘श्याम वेपाराव’ है) ने यह घोषणा कर दी कि वे लोग मेरठ में आयोजित इस कार्यक्रम में अटल जी को बोलने नहीं देंगे। जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि उनकी यह घोषणा हम सभी जनसंघियों के लिए चुनौती थी। हमारे द्वारा भी घोषणा की गई कि किसी में इतनी ताकत नहीं जो अटल जी के भाषण में विघ्न पैदा कर सके। उन दिनों जितेन्द्र अग्रवाल भारतीय जनता युवा मोर्चा मेरठ महानगर के अध्यक्ष (संस्थापक) थे। उनके पास युवाओं की एक बड़ी टीम थी। मेरठ के पूर्व विधायक और भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत भी उस समय उस टीम में थे और महानगर उपाध्यक्ष हुआ करते थे। पार्टी द्वारा जितेन्द्र को अटल जी की सुरक्षा का भार सौंपा गया।
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अटल जी के साथ में इस भाजपा नेत्री बिछार्इ थीं दरियां, जानिए कुछ रोचक किस्से अटल जी के भाषण को नहीं रोक पाए अगले दिन अटल जी मेरठ आकर प्रहलाद वाटिका में राजेश्वर जी के घर रुके। वहां से युवा मोर्चा की टीम अपने सुरक्षा घेरे में जीप में अटल जी को जीआईसी मैदान लेकर आई। बकौल जितेन्द्र मैं मंच पर अटल जी के पीछे मुस्तैद रहा। मैंने अपने साथियों से कह दिया था कि यदि कोई भी अटल जी के भाषण के बीच विघ्न डालने की कोशिश करे तो उसे तुरंत घेरकर सभा से बाहर ले जाएं और जमकर तुड़ाई करें। अटल जी अपना भाषण देते रहे और लोग मंत्रमुग्ध होकर उनका भाषण सुनते रहे। कोर्इ किसी तरह का विध्न नहीं कर पाया।