बसपा के कार्यकाल में हुई सर्वाधिक समर्थन मूल्य वृद्धि इससे पहले योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले साल 2017-18 में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की थी। इस तरह योगी सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में 35 रुपये क्विंटल की वृद्धि की है। जबकि इससे पहले सपा की अखिलेश सरकार ने 65 रुपये और बसपा की मायावती सरकार ने सर्वाधिक 115-120 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की थी।
किसान संगठनों ने बताया धोखा हाल ही में भारतीय किसान यूनियन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 425 रुपये क्विंटल गन्ना मूल्य करने की मांग की थी। मांग पूरी नहीं करने पर किसान आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी थी। वहीं भाकियू के साथ ही अन्य किसान संगठनों ने इस रेट को नाकाफी बताते हुए किसानों के साथ धोखा बताया है।
गन्ना उत्पादन लागत में हुई है भारी वृद्धि भाजपा के नेताओं ने भी महंगाई को देखते हुए गन्ना रेट 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की थी। बता दें पिछले चार साल में गन्ना उत्पादन लागत में भारी वृद्धि हुई है। इस हिसाब से किसानों को गन्ना रेट 400 से 425 रुपये प्रति क्विंटल होने की उम्मीद थी।
कांग्रेस ने साधा सीएम योगी पर निशाना योगी सरकार ने पंजाब और हरियाणा से कम रेट घोषित किया है। पंजाब में 360 और हरियाणा में 362 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। जबकि इन दोनों राज्यो से यूपी में गन्ना उत्पादन लागत ज्यादा आ रही है। वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभिमन्यू त्यागी ने कहा कि भाजपा ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा-पत्र में गन्ने का रेट बढ़ाने का वादा किया था। तब से खेती पर लागत लगातार बढ़ रही है। किसान ट्यूबवैल के लिए 170 रुपये प्रति हॉर्सपावर की दर से बिजली का बढ़ा हुआ दाम, 90 रुपये लीटर का डीजल, खाद के लगातार बढ़ते दाम से परेशान है। योगी आदित्यनाथ सरकार के साढ़े चार साल में गन्ने पर सिर्फ 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है।
आंदोलन की दी चेतावनी उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 400 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने का रेट तय करने की मांग उत्तर प्रदेश सरकार से करती है। अगर 400 रुपये प्रति क्विंटल दाम नहीं बढ़ाए गए तो किसान आंदोलन करने पर मजबूर होंगे और कांग्रेस जनहित और किसान हित के लिए आंदोलन का समर्थन करेगी।