यह भी पढ़ें : यूपीपीसीएल ने कर्मचारियों से मांगा संपत्ति का ब्योरा, नहीं देने पर होगी सख्त कार्रवाई विपिन त्यागी बताया कि बीते दिनों लखनऊ में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों की मुख्य सचिव के साथ विभिन्न मांगों को लेकर बैठक हुई। जिसमें 11 सूत्रीय मांग पत्र में पुरानी पेंशन बहाली की मुददा भी रखा गया था। मुख्य सचिव ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग मानने से मना कर दिया। इसके बाद पदाधिकारियों ने कर्मचारियों से आंदोलन का ऐलान कर दिया है। कर्मचारी अब इस मुद्दे पर सरकार से आर-पार की लड़ाई करेंगे।
उन्होंने बताया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरी किशोर तिवारी ने मेरठ सहित सभी जिलों के अध्यक्षों से बात की है। उन्होंने बताया कि इसके तहत अब पांच अक्टूबर से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आंदोलन की शुरूआत की जाएगी। उसके बाद पूरे अक्टूबर माह में यह आंदोलन चलाया जाएगा।
मेरठ में राज्य कर्मचारी मोटर साइकिल रैली निकालकर सरकार के इस निर्णय का विरोध जताएंगे। इसके बाद मेरठ सहित प्रदेश के प्रत्येक जिले में 28 अक्टूबर को धरना-प्रदर्शन किया जाएगा और 30 अक्टूबर को लखनऊ में एक बड़ी रैली का आयोजन किया जाएग। जिसमें प्रत्येक जिलों से लाखें की संख्या में कर्मचारी पहुंचेंगे।
उन्होंने बताया कि परिषद की मांग संविदा कर्मचारियों, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों व दैनिक वेतन भोगी कर्मियों के लिए केंद्र की तरह नियमावली बनाकर उनका उत्पीडऩ रोकने, कैशलेस इलाज की सुविधा देने, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने, पदोन्नति देने, वेतन विसंगति दूर करने और विभागीय विवाद फोरम गठित करने सहित हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग को छोड़कर बाकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि कर्मचारी प्रतिनिधियों ने पुरानी पेंशन को लेकर आंदोलन का निर्णय लिया है।