मेरठ, गाजियाबाद व नोएडा तीनों ही शहर औद्योगिक नगरी हैं और यहां पर प्रदूषण की स्थिति अन्य शहरों की अपेक्षा खराब रहती है। लेकिन जिस तरह से इस बार सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली के अवसर पर पटाखों को लेकर सख्ती बरती थी। उससे लग रहा था कि इस बार दीपावली पर लोग पटाखे नही चलाएंगे और प्रदूषण से कुछ राहत मिलेगी। इसके बावजूद दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी करते हुए लोगों ने जमकर पटाखे जलाए। जिसका परिणाम यह रहा कि दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया था और एक्यूआई लेबल गंभीर स्थिति में पहुंच गया था।
दीपावली को बीते 6 दिन हो चुके हैं लेकिन प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आज सुबह 8:05 बजे पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बुलेटिन के मुताबिक गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 455 तथा नोएडा में वायु गुणवत्ता का सूचकांक 410 था। जबकि मेरठ का 378 ये तीनों ही गंभीर श्रेणी में आते हैं। लोगों को प्रदूषण के कारण परेशानियां भी हो रही है खास तौर पर दमे के मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
फिजिशयन डॉ. वीरोत्तम तोमर का कहना है कि बढ़ता प्रदूषण लोगों की सेहत खराब कर रहा है। पिछले कुछ दिनों के दौरान सांस लेने में दिक्कत के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। फिलहाल वायु गुणवत्ता सूचकांक सामान्य होने तक सुबह के वक्त घूमने जाने से लोगों को परहेज करना चाहिए।