दरअसल, रेमडेसिविर इंजेक्शन कोविड के गंभीर मरीजों को दिया जाता है। एक मरीज को इसकी कुल छह डोज देते हैं। गत शुक्रवार की रात मेरठ के दो प्रमुख अस्पतालों में बने कोविड वार्ड में भर्ती गंभीर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की डोज दी गई। मरीजों को इंजेक्शन लगाने के बाद उनमें रिएक्शन होने लगा। मरीजों ने धुंधला दिखने,ठंड लगने, घबराहट के साथ सांस फूलने की शिकायतें करनी शुरू कर दी। डाक्टरों ने कारण खोजा तो पता चला कि रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने के बाद मरीजों की तबीयत बिगड़ी थी। पीपीई किट पहनकर स्टाफ अंदर गया और मरीजों की जांच की गई। अस्पतालों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को दी। इस बैच के सभी इंजेक्शन वापस मंगाए गए।
एसीएमओ डा. पूजा शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट बनाकर प्रशासन को भेज दी गई है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि अस्पताल वालों ने नए बैच के रेमडेसिविर से रिएक्शन की बात कही है। शासन को सूचित कर दिया गया है। मरीजों की हालत में सुधार है। जानकारी के मुताबिक मेडिकल कालेज में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने के बाद मरीजों ने ऐसी शिकायत की थी। लेकिन इसे पूरी तरह गोपनीय रखा गया था।