धरने पर किसान, डीएम कार्यालय पर भारी फोर्स तैनात मेरठ में कमिश्नरी पर किसान और सपा कार्यकर्ता धरने पर बैठे हैं। वहीं कांग्रेसी कार्यकर्ता भी लखीमपुर खीरी घटना के विरोध में मेरठ कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने पहुंच गए। भाकियू कार्यकर्ताओं को पुलिस ने डीएम ऑफिस में घुसने से रोक दिया। भाकियू नेता नेता संजय दौरालिया को सीओ कोतवाली आशीष चौरसिया ने रोकते हुए कहा कि वह कलक्ट्रेट परिसर में ही अपना धरना—प्रदर्शन करें। भाकियू कार्यकर्ता डीएम आफिस में घुसने की बात पर अड़ गए। जिसको लेकर उनकी पुलिस से धक्का मुक्की और कहासुनी हुई। अंत में पुलिस में डीएम आफिस का गेट बंद कर सभी को बाहर निकाल दिया। भाकियू कार्यकर्ता डीएम आफिस के बाहर धरना देते हुए बैठ गए हैं। भाकियू कार्यकर्ताओं ने सरकार के विरोध में जमकर नारे लगाए।
तहसील में रालोद का प्रदर्शन घटना से भारतीय किसान यूनियन, सपा, कांग्रेस के बाद रालोद भी सड़कों पर उतर आया है। रालोद के कार्यकर्ताओं ने तहसील परिसरों में धरना प्रदर्शन किया और हादसे का जिम्मेदार मानते हुए मंत्री पुत्र को गिरफ्तार करने की बात कही। वहीं दूसरी ओर बुलंदशहर के गुलावठी बाईपास पर किसानों ने प्रदर्शन किया। मुजफ्फरनगर में भी भाकियू कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया। कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करने समेत सहित दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए डीएम को ज्ञापन सौंपा।
दिल्ली नेशनल हाइवे पर बड़ौत के पास लगाया जाम रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई घटना के बाद किसानों में आक्रोश बढ़ गया है। आक्रोशित भारतीय किसान यूनियन कार्यकर्ताओं ने दिल्ली नेशनल हाईवे को बड़ौत के पास जाम लाग दिया। हालांकि बाद में जाम खोल दिया गया और संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में डीएम कार्यालय पर धरना शुरू कर दिया गया।
पुलिस ने ईपीई पर डाला डेरा वहीं किसानों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस प्रशासन बेहद सतर्क है। हरियाणा से लखीमपुर खीरी जाने वाले किसान नेताओ के वाहनों को रोकने के लिए ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर पुलिस सघन चेकिंग कर रही है। रात से पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने ईपीई पर डेरा डाल रखा। चेकिंग के कारण ईपीई पर जाम की स्थिति बनी हुई है।
कलेक्ट्रेट परिसर में जमकर हुई धक्का-मुक्की गाजियाबाद में भी किसान और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में बेहद गुस्सा दिखाई दिया। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और किसान सैकड़ों की संख्या में जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और मौजूदा सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी को एक ज्ञापन दिया। इस दौरान कलेक्ट्रेट परिसर में अधिक लोगों को घुसने से रोका गया तो जमकर धक्का-मुक्की भी हुई।
मृतक किसानों के परिजनों को एक करोड़ मुआवजे की मांग भारतीय किसान यूनियन के आवाहन पर बिजनौर जिले में किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए हैं। किसानों का साफ तौर से कहना कि प्रदेश सरकार मैं मौजूद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे व उनके समर्थकों द्वारा किसानों को गाड़ियों से कुचलकर और बंदूकों से गोलियां चला कर मौत के घाट उतारने का काम किया है। किसानों द्वारा इस तरीके के अत्याचार को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर जल्द ही प्रदेश सरकार द्वारा इस हत्या में शामिल लोगों की गिरफ्तारी और मृतक किसान के परिवार वालों को एक करोड़ रुपए नहीं दिए गए तो किसान धरने पर लगातार बैठा रहेगा।