इस मामले में एनसीएलटी ने इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) की नियुक्ति कर दी है। दिनेश कुमार गुप्ता को कंपनी का आईआरपी बनाया है। कंपनी में पैसे लगाने वालों को आईआरपी के सामने निवेशकों को दो मार्च तक अपने पैसे का दावा करने के लिए कहा गया था।
जिस पर अधिकांश निवेशकों ने दावा कर दिया है। कंपनी में अलग-अलग प्रदेशों के 2.60 लाख निवेशकों के करीब 3100 करोड़ से अधिक का निवेश किया था। एनसीएलटी ने आगे की कार्रवाई के लिए कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स का गठन कर दिया है। कमेटी का प्रमुख दिनेश कुमार गुप्ता को बनाया गया है।
जिनके प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे अधिवक्ता गोविंद भारद्वाज और प्रदीप कुमार शुक्ला ने बताया कि दो मार्च तक अधिकांश निवेशकों ने अपने किए निवेश का दावा किया है। दिवालिया घोषित करने का आदेश 16 फरवरी को एनसीएलटी इलाहाबाद बेंच से आया था। जिसमें नोबल को-ऑपरेटिव बैंक एनसीएलटी गई थी।
बैंक का दावा था कि गर्वित इनोवेटिव लिमिटेड कंपनी ने उनके करीब 1200 करोड़ रुपए के चेक निवेशकों को काट कर बांट दिए थे।
यह चेक बाउंस हो गए थे। जिसका चार्ज 4.90 करोड़ रुपये बकाया है। इसका भुगतान नहीं किया गया। अधिवक्ताओं ने कहा कि 2.61 लाख से ज्यादा निवेशक इस कंपनी के फर्जीवाड़े में फंसे हैं।
करीब 3100 करोड़ से अधिक का निवेश इस कंपनी में देश के विभिन्न प्रदेशों के भी निवेशकों ने किया था।