दीपावली का त्यौहार आ चुका है, इस बार लोगों के घर को दीपावली पर बंदियों के हाथ से बनी कैंडल्स, दीपक रोशन करेंगे। कारागार में बंद बंदियों के मिट्टी के दिए मोमबत्ती और लक्ष्मी गणेश बना रहे हैं। बंदियों द्वारा बनाए जा रहे लक्ष्मी गणेश और मिट्टी के दीपकों की हर कोई प्रशंसा कर रहा है और यह दीपक कान्हा की नगरी के ज्यादातर घरों को रोशन करेंगे।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में दीपावली का पर्व एक अलौकिक अंदाज में मनाया जाता है और हर तरफ मिट्टी के दीपक दीपावली के दिन जलाए जाते हैं। हर बार की तरह इस बार भी कई जिलों के जिला कारागार में बंद बंदी मिट्टी के दीयों की साथ-साथ मोमबत्ती और लक्ष्मी गणेश की मूर्ति बना रहे हैं।
जेल प्रशासन भी इन बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर सुविधा मुहैया करा रहा है। जिससे कि जब बंदी जेल से रिहा होकर जाएं तो बाहर जुर्म के दलदल में फंसने के बजाय वह जेल के भीतर सीखे हुनर से अपना ऐसा कारोबार कर सके। जिससे उसे भविष्य में किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो।
बुलंदशहर जेल में रमेश पिछले 7 साल से बंद हैं। उनके द्वारा मिट्टी के दीये, मोमबत्ती और भगवान गणेश माता लक्ष्मी की प्रतिमा बनाई जा रहीं हैं। जिला कारागार के जेल अधीक्षक व जेलर के साथ डिप्टी जेलर ने इन बंदियों के हौसला बढ़ाने के लिए हर सुविधा जेल के अंदर ही उपलब्ध करा रहे हैं।
मेरठ जिला कारागार के डिप्टी जेलर राजेन्द्र सिंह ने बताया कि कैदियों के हुनर के चलते ही ये सब संभव होता है। हमारा हर संभव प्रयास होता है कि बंदियों के भीतर का हुनर निखरे और वो एक नई जिंदगी की शुरुआत कर सकें।