किसानों को फसल में हुए नुकसान की भरपाई करेगी यूपी सरकार
कोयला संकट नहीं टला तो पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के तीनों मंडलों के जिलों में हालात खराब हो जाएंगे। हालांकि कोयले की कमी से बिजली उत्पादन में आई कमी का असर अभी से पीवीवीएनएल यानी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के ऊपर दिखाई देना शुरू हो गया है।6500 से 7000 मेगावाट है 70 लाख बिजली उपभोक्ताओं की मांग
पीवीवीएनएल के 70 लाख बिजली उपभोक्ताओं की बिजली की मांग 6500 से 7000 मेगावाट तक है, लेकिन इन दिनों प्रदेश में चल रहे बिजली संकट के चलते उपलब्धता में करीब दस फीसदी तक की कमी आ गई है। इसके चलते कंपनी के अंतगर्त आने वाले 14 जनपदों में से सात जिलों में कटौती शुरू कर दी गई है। इस कटौती के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के 18 घंटे के शेड्यूल से दो से तीन घंटे कटौती की जा रही है।
इन जिलों में की जा रही रोस्टिंग
बिजली संकट के चलते कंपनी के सात जनपदों सहारनपुर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा और बिजनौर में दो से तीन घंटे की रोस्टिंग शुरू हो गई है। इन जिलों के गांवों को 18 घंटे की बजाय 14 से 15 घंटे आपूर्ति सप्लाई हो रही है।
जनपद औसत आपूर्ति
मेरठ 17:44 घंटे
गाजियाबाद 17:26 घंटे
बुलंदशहर 17:57 घंटे
नोएडा 17:21 घंटे
हापुड़ 17:10 घंटे
बागपत 17:55 घंटे
सहारनपुर 16:41 घंटे
शामली 17:38 घंटे
मुरादाबाद 15:15 घंटे
बिजनौर 16:44 घंटे
संभल 16:37 घंटे
अमरोहा 15:31 घंटे
रामपुर 16:04 घंटे
पीवीवीएनएल के एमडी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि अभी बिजली संकट का असर नहीं है। हालांकि मांग और उपलब्धता के अनुपात में कुछ अंतर आया है। जिस कारण से शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति शेड्यूल प्रभावित हुआ है।