यह भी पढ़ेंः
Navratri 2018: इस मुहूर्त में करेंगे कलश स्थापना तो देवी मां होंगी अति प्रसन्न
कुट्टू के आटे के ये हैं फायदे कुट्टू के आटे के फायदों के बारे में वैलेटिस कैंसर हास्पिटल के डा. राहुल भार्गव बताते हैं कि कुट्टू का आटा प्रोटीन से भरपूर होता है और जिन्हें गेहूं से एलर्जी हो उनके लिए बेहतरीन विकल्प है। इसमें मैग्नीशियम, विटामिन बी, आयरन, कैल्शियम, फोलेट, जिंक, कोपर, मैग्नीज और फासफोरस भरपूर मात्रा में होता है। उनके अनुसार इसमें फाईटोन्यूट्रियेंट रूटीन भी होता है जो कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर को कम करता है। यह सेलियक रोग से पीड़ितों के लिए अच्छा आहार होता हैै।
यह भी पढ़ेंः Navratri 2018: नौ दिन मां की एेसे करें पूजा आैर एेसे रखें व्रत इसके आटे में ग्लूटन नहीं होता कुट्टू के आटे को चबाना आसान नहीं होता। इसलिए इसे छह घंटे पहले भिगो कर रखा जाता है। फिर इन्हें नर्म बनाने के लिए पकाया जाता है ताकि आसानी से पच सके। चूंकि इसमे ग्लूटन नहीं होता इसलिए इसे बांधने के लिए आलू का प्रयोग किया जाता है। यह ध्यान रखें कि इसकी पूरियां बनाने के लिए हाईड्रोजेनरेट तेल या वनस्पति का प्रयोग न करें, क्यूंकि यह इसके मेडिकल तत्वों को खतम कर देता है। इसे बनी पूरियां ज्यादा कुरकुरी होती हैं।
जटिल कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा कुट्टू 75 प्रतिशत जटिल कार्बोहाइड्रेट है और 25 प्रतिशत हाई क्वालिटी प्रोटीन, वजन कम करने में यह बेहतरीन मदद करता है। इसमें अल्फा लाइनोलेनिक एसिड होता है, जो एचडीएल कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है और एलडीएल को कम करता है।
फायबर का अच्छा स्रोत कुट्टू अघुलनशील फायबर का अच्छा स्रोत है और गालब्लैडर में पत्थरी होने से बचाता है। अमेरिकन जरनल आॅफ गेस्ट्रोएनट्रोलाॅजी के मुताबिक पांच प्रतिशत ज्यादा घुलनशील फायबर लेने से गाल ब्लैडर की पत्थरी होने का खतरा दस प्रतिशत कम हो जाता है। फाइबर से भरपूर और ग्लिसेमिक इंडेक्स कम होने से यह डायबटीज वालों के लिए बेहतर विकल्प है। कुट्टू के आटे का ग्लिसेमिक इंडेक्स 47 होता है। कुट्टू के आटे में मौजूद चाईरो-इनोसिटोल की पहचान डायब्टीज रोकने वाले तत्व के रूप में की गई है।