दरअसल, कंकरखेड़ा फाजलपुर निवासी रूपक पुत्र जसवंत का 10 दिन पहले अपहरण हो गया था। परिजनों ने कंकरखेड़ा के सागर और दो लोगों के खिलाफ तहरीर दी थी। पुलिस 10 दिन में भी खुलासा नहीं कर पाई। परिजनों ने आला अधिकारियों को पूरा मामला बताया। एसएसपी अजय साहनी की सख्ती के बाद पुलिस ने सागर को दोबारा उठाकर पूछताछ की। खुलासा हुआ कि एक युवती से संबंधों को लेकर सागर और उसके साथियों की रूपक से तनातनी चल रही थी। इसी को लेकर पूर्व में विवाद हुआ था, बाद में समझौता हो गया था।
बदला लेने के लिए रूपक का अपहरण किया गया। उसे रोहटा क्षेत्र में किनौनी और जिटौला गांव के जंगलों में लाया गया। यहां जिटौला गांव निवासी अरविंद और उसके भाई विक्की के साथ मिलकर सागर, पंपू जिटौला और दो अन्य लोगों ने रूपक की हत्या कर दी। मर्डर से पहले रूपक को घंटों तक पीटा गया। हत्या के बाद ईंट भट्ठे की पथेर वाली जगह पर गड्ढा खोदकर लाश को दबा दिया।
खुलासे के बाद पुलिस टीम पहुंची शाम को पुलिस टीम जेसीबी लेकर जिटौला और किनौनी के जंगल में पहुंची। यहां सागर की बताई जगह पर पुलिस ने तलाश की । करीब दो घंटे अभियान चलाया गया, लेकिन लाश नहीं मिली। रात होने के कारण अभियान रोक दिया गया।