दरअसल, सुलखान सिंह मुन्ना बजरंगी हत्याकांड के बाद रविवार 5 अगस्त 2018 को बागपत जेल का निरिक्षण करने पहुंचे। यहां उन्होंने जेल अधीक्षक, जेलर, वार्डन व बंदियों से बातचीत की। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या सुरक्षा व्यव्सथा में चूक के कारण हुई थी। बागपत जिला कारगार छोटी और संवेदनशील है।
बता दें कि पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह जेल सुरक्षा समिति के अध्यक्ष हैं। जेल सुरक्षा समिति में इनके साथ पूर्व रिटायर्ड महानिरीक्षक हरिशंकर व जेल अपर महानिदेशक डॉ शरद भी हैं। ये भी निरिक्षण के करने बागपत जेल पहुंचे। बागपत जिला जेल में सुरक्षा व्यवस्था की जांच रिपोर्ट अब ये शासन को पेश करेंगे।
बागपत जेल से कैदियों को किया जा रहा शिफ्ट मुन्ना बजरंगी हत्याकांड के बाद खुफिया विभाग और शासन इस जेल पर नजर बनाए हुए हैं। हत्या के बाद आरोपी सुनील राठी को शिफ्ट करने के बाद चार और कैदियों को दूसरी जेल में भेज दिया गया। गौरतलब है कि 9 जुलाई को ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर पूर्वांचल के माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी को बागपत जेल में मौत के घाट उतार दिया गया था। हत्या का आरोप हिस्ट्रीशीटर सुनील राठी ने अपने सिर लिया था।
जेल में हुई कुख्यात की हत्या के बाद जेल अधिकारियों को यहां पर गैंगवार का डर सता रहा है। जिसके चलते प्रदेश की अन्य जेलों में भी कैदियों पर नजर रखी जा रही है और किसी भी गैंगवार की आशंका को देखते हुए ऐसे कैदियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। जो सुनील राठी या मुन्ना बजरंगी के करीबी रहे है या उनके संपर्क में थे। अभी कुछ कैदी ही शासन द्वारा चिन्हित किये गए हैं।
यह भी पढ़ेंं : दो बदमाश यार, एक गिरफ्तार एक फरार, नगदी, चोरी की बाइक और पिस्टल बरामद इन कैदियों को किया शिफ्ट शनिवार को शासन के अनुसचिव हरि नारायण सिंह के निर्देश पर बागपत जेल से कुख्यात नितिन को उन्नाव, दीपक को कानपुर, मोहन को हरदोई व वरुण को केंद्रीय कारागार बरेली शिफ्ट कर दिया गया है। इसकी पुष्टि करते हुए डिप्टी जेलर सुरेश बहादुर सिंह ने बताया कि चारों कुख्यात को कड़ी सुरक्षा में अलग-अलग बंदी वाहनों में बैठाकर अन्य जेलों के लिए रवाना किया गया। कुछ अन्य बदमाशों को भी दूसरी जेलों में शिफ्ट किया जा सकता है।