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पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, कोर्ट ड्यूटी में लापरवाही दिखाने पर 15 सस्पेंड बात पश्चिम क्षेत्र के दिग्गजों के नामों की करें तो इनमें दो नाम पर पार्टी विचार कर रही थी। इन दो नामों में पहला नाम पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रहे डाॅ. लक्ष्मी कांत वाजपेयी और अश्वनी त्यागी के नाम प्रमुख थे। डाॅ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी वैसे भी 2017 का विधानसभा चुनाव में हार जाने के बाद से अलग-थलग पड़े हुए हैं।
प्रदेश की इन दस सीटों पर अपना एमएलसी बनाने के लिए भाजपा के भीतर तेजी से मंथन चल रहा था। पार्टी सूत्रों की माने तो शीर्ष नेतृत्व जहां नए चेहरों पर फोकस करने की बात कर रहा है। वहीं कुछ पुराने चेहरों को भी आजमाने का मन बना रही थी। पश्चिम उत्तर प्रदेश में दावेदारों की दौड़ से राजनीतिक पारा चढ़ हुआ था। लखनऊ में पार्टी ने कई नामों पर विचार कर सूची को दिल्ली भेजा गया, जिनमें से आखिरकार अश्वनी त्यागी के नाम पर अंतिम दौर में मोहर लगी।
अश्वनी त्यागी के नाम घोषित होने के बाद से पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजनीतिक राजधानी मेरठ में एमएलसी को लेकर अटकलों का दौर खत्म हो गया। बता दें कि अश्वनी त्यागी पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद एक मजबूत चेहरे के रूप में उभरे हैं। इसलिए ही पार्टी ने उनके ऊपर भरोसा कर उन पर दांव लगाया है।