गुदड़ी बाजार तिहरे हत्याकांड (Gudri Bazar Triple Murder Case) में आखिरी दिन क्या हुआ
कोर्ट ने हत्याकांड के आरोपी इजलाल कुरैशी और शीबा समेत 10 आरोपियों को दोषी करार दिया था। अब मामले पर फैसला आ गया है। गुदड़ी बाजार हत्याकांड में वादी पक्ष और सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि ये हत्याकांड जघन्य हत्याकांड की श्रेणी में आता है। ऐसे में दोषियों को फांसी की सजा दी जाए। वहीं दूकरी ओर बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने बताया कि मुलजिमों का पहले का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और ना ही शवों के टुकड़े किए गए, यह सिर्फ मीडिया ट्रायल है। ऐसे में यह दुर्लभ श्रेणी में नहीं आता है। वादी पक्ष के वकील ने बहस में दलील दी कि तीनों युवकों के साथ जानवरों के जैसा सलूक हुआ और छूरे से उनका गला काटा गया और गोलियां मारी गईं। ऐसे लोग समाज के लिए खतरा हैं। सभी दलीलों को सुनने का बाद जज ने अपना फैसला सुनाया। शीबा को हत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया।
इन आरोपियों को सुनाया गया फैसला
अपर जिला जज स्पेशल कोर्ट एंटी करप्शन-2 पवन कुमार शुक्ला ने मामले में दो अगस्त को इजलाल कुरैशी पुत्र इकबाल, अफजाल पुत्र इकबाल, महराज पुत्र मेहताब, कल्लू उर्फ कलुआ पुत्र हाजी अमानत, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा पुत्र विजय, वसीम पुत्र नसरुद्दीन, रिजवान पुत्र उस्मान और बदरुद्दीन पुत्र इलाहीबख्श और शीबा सिरोही पर लगाए गए आरोपों को सही मानते हुए दोषी करार दिया है।
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, 23 मई 2008 को दोपहर बागपत-मेरठ के बाॅर्डर पर बालैनी नदी के किनारे तीन युवकों के शव मिले थे। तीनों शवों की पहचान मेरठ निवासी सुनील ढाका, पुनीत गिरि और बागपत के सुधीर उज्ज्वल के रूप में हुई थी। जांच में पता चला कि हाजी इजलाल कुरैशी ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर 22 मई की रात को तीनों की हत्या गुदड़ी बाजार में की थी।