देश में केवल दो अधिकृत जल्लाद भारत में इस समय उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में ही अधिकृत जल्लाद हैं। पश्चिम बंगाल का नाटा मलिक में काफी प्रसिद्ध जल्लाद हुआ करता था। उसके पिता और बाबा भी यह काम करते थे। उसने 25 से ज्यादा लोगों को फांसी के फंदे पर लटकाया था। 2004 में उसने आखिरी बार बच्ची की रेप के बाद हत्या करने वाले धनंजय चटर्जी को फांसी दी थी। नाटा मलिक को पश्चिम बंगाल सरकार हर माह 10 हजार रुपये सैलरी देती थी। इसके अलावा हर फांसी पर उसको अलग से रकम मिलती थी। वर्ष 2008 में नाटा मलिक की मृत्यु के बाद उसका बेटा मेहताब यह काम करने लगा।
पहले मिलते थे 3000 रुपये भारत में दूसरा अधिकृत जल्लाद है मेरठ का पवन। हापुड़ रोड पर कांशीराम आवासीय योजना के तहत उनको घर मिला हुआ है। यह पवन जल्लाद का खानदानी पेशा है। उनको पहले 3000 रुपए वेतन मिलता था। इसे अब बढ़ाकर 5000 रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा फांसी देने पर उनको अलग से रुपये भी मिलते हैं। पवन जल्लाद ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उसके पिता जब फांसी देने जाते थे तो उनको एक खास रकम के अलावा अन्य खर्चे भी मिलते थे। पांच बेटी और दो बेटों के पिता पवन जल्लाद ने यह भी कहा था कि इन चारों को फांसी देने पर उनको एक लाख रुपये मिल जाएंगे। इससे वह अपनी बेटी की शादी कर सकेंगे।