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कुंभ मेले में जा रहा था ये सामान, यूपी के इस शहर से निकलते ही हो गया बड़ा हादसा, देखें वीडियाे यह महायज्ञ 5 जनवरी से शुरू होकर 14 जनवरी तक चलेगा। हवन के लिए 31 विशालकाय कुंड तैयार किए गए हैं। मां नीलिमानंद ने जानकारी देते हुए बताया कि यज्ञ में देश के कोने-कोने से विद्धानों को मंत्रोच्चारण के लिए बुलाया गया है। ये विद्वान ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पहले कलश पूजा कराएंगे। इसके बाद अरणी मंथन के बीच यज्ञ मंडप की फेरी प्रारंभ की जाएगी। इसके बाद वेदीपूजन व अधिवासन का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान सूर्य नारायण की प्राणप्रतिष्ठा होगी और यज्ञ की समाप्ति के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। जिसमें करीब पंद्रह सौ लोगों के खाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि महानगरवासियों के सहयोग से यज्ञ से पूर्व कलश यात्रा निकाली जाएगी। जो कि महानगर में भ्रमण कर यज्ञ स्थल पर ही समाप्त होगी। यज्ञ के लिए वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश में जल लिया जाएग।
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मौसम विभाग की चेतावनी- अगले 24 घंटे में आएगी तेज बारिश, कड़ाके की ठंड इतने दिनों तक झेलनी पड़ेगी यज्ञ शुभारंभ के दौरान ढोल-नगाड़े, गाजे-बाजे व दर्जनों घोड़ों के साथ हजारों की संख्या में महानगरवासी शामिल होंगे। वाराणसी से आए विद्वान पंडितों द्वारा वेद मंत्रोच्चार के साथ यज्ञ की प्रक्रिया करवाई जाएगी। काशी से 251 विद्धान पंडितों को बुलाया गया है। महायज्ञ एवं भगवान सूर्य की प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ का आयोजन करवा रही मां निलिमानंदमयी ने कहा कि इस महायज्ञ में भाग लेने मात्र से कई जन्मों के बंधनों से आदमी पाप मुक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि सभी जीवों में मनुष्य सर्वश्रेष्ठ है।