फाइनेंस कंपनियों को लगाया जा रहा करोड़ों का फटका ट्रांसपोर्ट नगर में काटे जा रहे वाहनों से बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को करोड़ों का फटका लगाया जा रहा है। बताया जाता है कि यह कार्य ओल्ड मोटर पार्टस एंड स्क्रैप की सरपरस्ती में चल रहा है। गाड़ियों को नष्ट करवाने और पुलिस के नाम से कैंसिल कराने के नाम पर 10 हजार से एक लाख तक वसूले जाते हैं। बताया जा रहा है कि यह धंधा पिछले कई सालों से बदस्तूर जारी है।
प्रतिदिन काटे जा रहे दो से चार बड़े वाहन ट्रासपोर्ट नगर में बड़े-बड़े गोदाम हैं जहां पर इन वाहनों को काटा जाता है और इनके पार्टस को दुकानदारों को बेच दिया जाता है। बताया जाता है कि हर रोज यहां पर दो से चार ट्रक या बड़े वाहनों का कटान किया जाता है। इनमें पुराने वाहनों के अलावा वे वाहन भी होते हैं जिनके मालिक वाहनों की किश्त नहीं भर पाते और चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराकर वाहनों को यहां पर कटवा देते हैं। इससे वे बैंक के लोन से भी बच जाते हैं और फाइनेंस कंपनियों भी अपने यहां पर ऐसे वाहनों की फाइले बंद कर देती हैं।
बराबर में थाना और भीतर गलियों में कटान मजे की बात कि ट्रासपोर्ट नगर के समीप ही थाना टीपी नगर है। लेकिन इसके बाद भी यह धंधा जोरों से जारी है। सूत्रों की माने तो पुरानी गाड़ियों और दुर्घटना युक्त वाहनों के नाम पर यहां पर नए बड़े कामर्शियल वाहनों को भी गुपचुप तरीके से काटकर उनके पार्टस को बेच दिया जाता है। इसके लिए थाने में सेटिंग से वाहन चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है। थाना सदर में भी इसी तरह का मामला सामने आया था। जिसमें रिश्वत लेने के आरोप में इंस्पेक्टर और हेड कास्टेबल नप गए थे। हालांकि इस पूरे मामले को दूसरी ओर मोड दिया गया। जिससे असलियत सामने नहीं आ पाई।
जांच कराकर की जाएगी कार्रवाई वहीं जब इस बारे में पुलिस अधीक्षक नगर (एसपी सिटी) विनीत भटनागर से बात की गई तो उनका कहना था कि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं है। इसकी जांच करवाई जाएगी और अगर ऐसा है तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।