मेरठ

ओलंपिक में पदक के बाद अब फिर यूपी की बहू ने नाम किया रोशन, बनाई गई दिल्ली खेल विवि की कुलपति

कुलपति बनने के बाद बोलीं, कर्णम मल्लेश्वरी प्रतिभाओं को निखारना उदेश्य। मेरठ के चांदसारा गांव निवासी राजेश त्यागी हैं आल इंडिया चैंपियन। एफसीआई में सीजेएम के पद पर रह चुकी मल्लेश्वरी।

मेरठJun 25, 2021 / 11:18 am

Rahul Chauhan

मेरठ। मेरठ के होनहारों के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई। अब ये उपब्धि मेरठ की बहू और ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी ने दिलवाई है। देश की पहली महिला ओलंपिक पदक विजेता,प्रख्यात वेटलिफ्टर मेरठ की बहू कर्णम मल्लेश्वरी को दिल्ली खेल विश्वविद्यालय में कुलपति बनाया गया है। उनके कुलपति बनने पर ससुराल में जश्न का माहौल है। कर्णम कल्लेश्वरी एफसीआई में चीफ जनरल मैनेजर के पद पर तैनात हैं। कुलपति बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि देश में होनहार खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने व खेलों को आगे बढ़ाना ही उनका एकमात्र लक्ष्य है। उनको कुलपति बनने की यह उपलब्धि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक डे पर प्राप्त हुई।
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दरअसल, मल्लेश्वरी आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले की रहने वाली हैं। उनका विवाह 1997 में मेरठ के चांदसारा गांव निवासी राजेश त्यागी से हुआ था। राजेश त्यागी वेटलिफ्टिंग में नेशनल व ऑल इंडिया विश्वविद्यालय चैंपियन रह चुके हैं। राजेश त्यागी ने बताया कि शादी के तीन साल बाद कर्णम मल्लेश्वरी ने महिला वर्ग ओलंपिक गेम्स में देश को पहला पदक दिलाकर कीर्तिमान स्थापित किया था। उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्ल्ड चैंपियनशिप में दो स्वर्ण, दो कांस्य, एशियन गेम्स में दो रजत पदक हासिल किए। उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न और पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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वर्तमान में कर्णम मल्लेश्वरी एफसीआई में चीफ जनरल मैनेजर हैं और दिल्ली हेडक्वार्टर में ही तैनात हैं। दोनों बेटे शरदचंद त्यागी व अंगत त्यागी के साथ परिवार यमुनानगर में ही रहता है। पति राजेश त्यागी ने बताया कि खेलों के साथ जुड़े रहने के अलावा गांव से नाता जोड़े रखा है। परिवार के साथ अक्सर गांव में आते रहते हैं। उनकी पत्नी कर्णम मल्लेश्वरी ने एफसीआई में कार्यरत रहने के बावजूद खेलों को नहीं छोड़ा। यमुनानगर क्षेत्र के बिलासपुर रोड पर स्पोर्ट्स मिनिस्ट्री की मदद से दो एकड़ में वेटलिफ्टिंग एकेडमी का निर्माण जारी है। खिलाड़ियों को वेटलिफ्टिंग के प्रति जागरूक करना ही हमारा लक्ष्य है।

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