पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) पर खुफिया एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। बता दें कि जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश JMB आतंकी संगठन से जुड़े लोग अलकायदा के संपर्क में भी रहते हैं। अलकायदा पिछले काफी समय में भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। सहारनपुर और देवबंद से गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आंतकियों के संबंध अलकायदा से भी थे। सहारपुर से जिन चार संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है, ये सभी आतंकी कट्ठरपंथी विचारधारा के लोगों को खुद से जोड़ने के साथ उनको जिहाद के लिए भी प्रेरित करते थे। एटीएस की ये कार्रवाई पिछले तीन दिन से चल रही थी। इसमें स्थानीय पुलिस की कोई मदद नहीं ली गई थी। जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) का नेटवर्क पश्चिमी उप्र में तेजी से अपनी जड़े जमा रहा है। खासकर ये संगठन संप्रदाय विशेष की घनी आबादी के बीच पैठ बनाकर वहां के बेरोजगार युवकों को जोड़कर संगठन की चेन को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है।
जमात उल मुजाहिद्दीन बेराजगार युवकों को आर्थिक मदद के साथ ही उनको रोजगार में भी मदद करता है। जिससे युवा वर्ग काफी संख्या में इस आतंकी संगठन से जुड़ रहे हैं। हालांकि पहले इस आतंकी संगठन के मंसूबों के बारे में युवकों को पता नहीं चल पाता। लेकिन जब तक हकीकत पता चलती है काफी देर हो चुकी होती है। जमात उल मुजाहिद्दीन अपना आतंकी नेटवर्क इसी तरह से मजबूत कर रहा है। पकड़े गए आतंकियों में कारी मुख्तयार निवासी गांव मनोहरपुर कोतवाली सदर बाजार,लुकमान निवासी गांव सय्यद माजरा थाना गागलहेड़ी, मोहम्मद अलीम निवासी गांव कैलाशपुर थाना गागलहेड़ी सहारनपुर, कामिल निवासी निवासी गांव जाहीरपुरा कोतवाली देवबंद के रहने वाले हैं। इनके अलावा शहजाद निवासी शामली, मुदस्सिर निवासी नगला इमरती जनपद हरिद्वार उत्तराखंड़, अलीनूर, नवाजिश अंसारी निवासी झारखंड़ को भी गिरफ्तार किया गया है। जिनसे एटीएस पूछताछ कर रही है। इनके पास से मोबाइल, दर्जनों सिम और पेन ड्राइव बरामद हुई है।