जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार जवान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) को पश्चिमी कमान और इसके तहत आने वाले कोर और डिवीजन से जुड़े गोपनीय जानकारी उपलब्ध करा रहा था। गौरतलब है कि मेरठ छावनी में यह पहली बार है, जब किसी भारतीय सैनिक को पाक के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले का खुलासा होने के बाद सेना की तमाम खुफिया एजेंसियां जांच में जुट गई है। सूत्रों के मुताबिक मूलरूप से उत्तराखंड निवासी यह सैनिक पिछले 10 वर्षों से भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है। इस पर आरोप है कि यह पिछले करीब एक साल से पाक खुफिया एजेंसियों से संबंधित लोगों के संपर्क में था। इस दौरान इसने भारतीय सेना के कई गोपनीय दस्तावेज वाट्सएप के जरिए पाकिस्तान भेजे। इस दौरान उसने पाकिस्तान के कई फोन नम्बरों पर भी बातें की। गौरतलब है कि आर्मी इंटेलिजेंस को करीब 3 माह पहले इसकी भनक लगी थी। तभी से इस पर नजर रखी जा रही थी।
इसके खिलाफ आरोप है कि यह गद्दार जवान लगातार फोन पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़े लोगों के संपर्क में रहता था और मौका मिलते ही वाट्सएप पर एंड-टू-एंड इंसक्रिप्शन के जरिए खुफिया दस्तावेज भेजा करता था। हालांकि, सेना ने पकड़ गए इस गद्दार सैनिक का नाम उजागर नहीं किया है। गौरतलब है कि इस मामले के उजागर होने के बाद सिग्नल रेजिमेंट से जुड़े तमाम कार्यालयों में जांच-पड़ताल की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक जासूसी करते पकड़ गए सैनिक के अलावा भी कुछ अन्य सैनिकों से अलग-अलग स्थान पर पूछताछ चल रही है। इस मामले में सेना की ओर से कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की जाएगी। पकड़ गए सिपाही के अलावा अन्य लोगों से भी पूछताछ की जाएगी।