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जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज का निधन, यहां दी जाएगी समाधि दूसरे धर्म के लोग भी सुनने आते थे प्रवचन तरुण सागर जी महाराज के प्रवचनों को सुनने के लिए उस दौरान जैन समाज के लोग ही नहीं बल्कि दूसरे अन्य समाज के लोग भी पहुंचे थे। वे हिन्दू समाज के लोगों को भी प्रिय थे। हिन्दू समाज के लोगों को उनके प्रवचन प्रिय थे। दिगंबर मुनि क्या होते हैं मेरठ के जैन समाज ने पहली बार तरुण सागर जी महाराज के माध्यम से जाना। उन्हें हर धर्म की बारीकियां और अच्छाइयां कंठस्थ थी। मेरठ में तरुण सागर महाराज के नाम से मंदिर बनवाया गया था और यहां पर मेरठ तरुण क्रांति मंच की स्थापना की गई थी। महाराज के देवालोक गमन पर तरुण क्रांति मंच के सभी सदस्य मुरादनगर के लिए रवाना हो गए।
मेरठ के लोगों ने गालियां आैर गोलियां खायी जैन समाज के अरूण कुमार जैन ने रहस्योदघाटन किया कि तरुण सागर महाराज कहा करते थे मेरठ क्रांति की भूमि है और यहां के लोगों ने अंग्रेजों की गालियाें और गोलियों को खाया है तो ये लोग कड़वे प्रवचन के भी खूब शौकीन हैं। यही कारण था कि जैन मुनि प्रवचन के लिए मेरठ समय-समय पर आते रहे और अपना एक मंदिर भी मेरठ में बनवाया था।