कबाड़ियों के पास से जब्त हुई करोड़ों की संपत्ति बता दें कि सोतीगंज में सैकड़ों की संख्या में दुकानें हैं, लेकिन कहने के लिए कई लोग यहां कबाड़ी का काम करते थे। असल में वो चोरी के कार को काटने का काम करते थे। माफियाओं की तरह ही यहां के कबाड़ियों के पास पुलिस ने करोड़ों रुपए की संपत्ति को जब्त कर लिया है।
एसएसपी ने 300 दुकानदारों पर रखी नजर 15 जून 2021 को प्रभाकर चौधरी मेरठ जिले के एसएसपी बनें। 12 जुलाई को सोतीगंज पर पहला मुकदमा दर्ज हुआ। सोतीगंज में कबाड़ी के शक्ल में चोरों का काम पुलिस की मिली भगत से सालों से चलता आ रहा था, लेकिन प्रभाकर चौधरी ने सबसे पहले वहां तैनात पुलिसकर्मियों को हटाया और अपने भरोसेमंद पुलिसकर्मियों को लगाया। इसके बाद महीने भर में ही 15 मुकदमें दर्ज हुए और कई कबाड़ियों पर गैंगस्टर एक्ट पर लगाया गया। इतना ही नहीं एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने 300 दुकानों की लिस्ट बनवाई और इन्हीं 300 दुकानों के मालिकों पर नजर रखी गई।
216 कबाड़ियों पर दर्ज हुआ है मुकदमा सोतीगंज में वाहन काटने और पार्ट्स बेचने वाला अब शायद ही कोई ऐसा कबाड़ी होगा जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज ना हो। मेरठ में 216 कबाड़ियों पर अलग-अलग थानों में मुकदमा दर्ज है। इतना ही नहीं दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, ओडिशा और राजस्थान में इन कबाड़ियों पर मुकदमें दर्ज हैं, जिनका पूरा रिकॉर्ड पुलिस ने खंगाला है। पुलिस का दावा है कि देश भर में 1000 से ज्यादा मुकदमें कबाड़ियों पर दर्ज है।
किसी राजा से कम नहीं था हाजी गल्ला का रसूख लूट और चोरी के वाहनों के कटान के आरोप में जेल में बंद हाजी गल्ला करोड़पति है। हालांकि कुछ लोग उसे अरबपति भी कहते हैं। वो कहने को तो काम चोरी का करता था, लेकिन रसूख किसी राजा से कम नहीं था। 10 करोड़ रुपए के बंगले में रहता था, फिलहाल अब जेल में है।
30 सालों से चल रहा था काम, अब बंद हो गई दुकानें 90 के दशक में सोतीगंज शुरू हुआ गाड़ियों की पुराने पार्ट्स का कारोबार काले बाजार में बदल गया। इस बात की जानकारी सबको थी, सब हाथों पर हाथ रखे बैठे थे या फिर ये कहें कुछ राजनीतिक दलों ने इस काम को बढ़ावा दिया। चोरी करने वाले गिरोह तैयार हो गए, पुलिस वहां जाती नहीं बल्कि पुलिस मिल गई। बताया जाता है कि यहां ऑन डिमांड चोरियां होने लगी। मेरठ से दिल्ली होते हुए ये कारोबार देश के कई राज्यों तक पहुंच गया। 31 साल के इस काले कारोबार के बीच तमाम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी आए, कोई भी इस काले कारोबार पर लगाम नहीं लगा सका, लेकिन एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने इस काम पर पूरी तरह से लगाम लगा दिया है। अब कहा जा रहा है कि एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने चोरों को साधू बना दिया है।