देश के शुगर बाउल में बनने वाला यह कॉलेज मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि परिसर के भीतर बनेगा। कृषि विवि को देश के पहले कॉलेज के निर्माण के लिए शासन से अनुमति मिल गई है। यह देश का पहला ऐसा कॉलेज होगा, जिसमें गन्ने की खेती, उद्योग और प्रबंधन की शिक्षा एक साथ मिलेगी।
लखनऊ में हुई कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवि के प्रस्ताव पर मेरठ के कृषि विवि में कॉलेज ऑफ शुगरकेन टेक्नोलॉजी को अनुमति दे दी है। शासन को भेजे प्रस्ताव में कृषि विवि ने कहा था कि वेस्ट यूपी में गन्ने की खेती और इससे बनने वाले उत्पादों के उद्योगों के लिए विधिवत प्रशिक्षण प्राप्त वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञों की बेहद जरूरत है। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।
बताते चलें कि पश्चिम यूपी के जिलों की प्रमुख फसल गन्ना है। इसके कारण ही यहां पर देश की सर्वाधिक चीनी मिलें, कोल्हू, क्रेसर, डिस्टलरी भी अधिक संख्या में है। इनमें गन्ने से बनने वाली चीनी, गुड़, खांड, शीरा, राब और शराब बनती है।
इन कोर्स की होगी पढाई कॉलेज ऑफ शुगर केन टेक्नोलॉजी में बीटेक, एमटेक, पीएचडी और एमबीए (शुगर इंडस्ट्री) जैसे प्रोफेशनल कोर्स होंगे। फिलहाल देश में गन्ने पर शोध करने वाले कई संस्थान हैं, लेकिन डिग्री देने वाला यह पहला कॉलेज होगा। इसमें गन्ने की खेती के लिए वैज्ञानिक और उद्योगों के लिए एक्सपर्ट तैयार होंगे। यहां से किया जाने वाला एमबीए कोर्स ऐसे पाठयक्रम से करवाया जाएगा जो कि देश के उम्दा पाठयक्रमों में से एक होगा। कृषि विवि के कुलपति प्रो. गया प्रसाद ने बताया कि अगले साल तक कालेज अपने अस्तित्व में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक मान्यता की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। जल्द ही अनुमति पत्र मिल जाएगा। अगले सत्र से क्लास चलनी शुरू हो जाएंगी।