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इस केंद्रीय मंत्री ने राम मंदिर निर्माण को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- बस इंतजार कीजिए तब तक… दरअसल, इस मामले में विजेन्द्र चौहान द्वारा सोसायटी रजिस्टर्ड कराने वाले सतपाल सिंह देशवाल, राजपाल और राजमोहन सहित सरकारी विभागों में तैनात कई अधिकारियों पर करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाते हुए कोर्ट में वाद दायर किया गया था। वहीं कुछ समय पहले तत्कालीन कमिश्नर डा. प्रभात कुमार द्वारा कराई गई जांच में भी करीब तीन सौ करोड़ के घोटाले का खेल उजागर हुआ था। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर मेरठ पुलिस ने यूपी आवास विकास परिषद में उप आयुक्त के पद पर तैनात रहे वीके चौधरी को लखनऊ स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया।
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VIDEO: उत्तर भारत के इस शहर में एेसा हो रहा महायज्ञ, इसमें शामिल होने वाले लोगों को मिलेंगे ये लाभ दरअसल, वीके चौधरी पर आरोप है कि वर्ष 2004 में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सोसायटी की जमीन अपने सगे संबंधियो के नाम कर दी। एसपी सिटी रणविजय सिंह ने वीके सिंह की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हेें मेरठ लाया जा रहा है। बताते चलें कि कुछ वर्ष पूर्व हुए एनआरएचएम घोटाले में सीबीआई भी वीके सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है।