गौरतलब है कि दो जून को मेहरचंद कसाना की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस अभी तक इस मामले में कोई खुलासा नहीं कर पायी है। कातिलों का सुराग भी नहीं लग सका है और न ही कत्ल की कोई वजह सामने आई है। बता दें कि मेहरचंद दिल्ली रोड पर परतापुर थाने के पास ही कसाना गेस्ट हाउस चलाते थे। इसी गेस्ट में दो युवकों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस संबंध में उनके पुत्र अजय गुर्जर की ओर से परतापुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। एफआईआर में बदन सिंह बद्दो समेत चार लोगों को इस हत्याकांड में नामजद किया गया है।
हालांकि, कत्ल की कहानी और कातिलों के नाम उस समय उलझ गए, जब मेहरचंद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आयी। एफआईआर में गोली मारकर हत्या की बात दर्ज कराई गयी थी। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि किसी धारदार हथियार से वारदात को अंजाम दिया गया। इसी के बाद पूरा केस बदल गया। पुलिस ने एक थ्यौरी दी कि दो युवक एक लड़की को लेकर आए थे, जिनसे मेहरचंद का विवाद हुआ था। उन्हीं दो युवकों ने घटना को अंजाम दिया। हालांकि, अभी तक पुलिस तो आरोपियों को पकड़ पायी और न ही उनकी पहचान कर सकी है। मेहरचंद की तेरहवीं सोमवार को थी, जिसमें गुर्जर समाज के लोग भारी संख्या में एकत्र हुए। गुर्जर समाज का कहना था कि भाजपा सरकार में गुर्जरों के ऊपर अत्याचार बढ़ हैं। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गुर्जर समाज की मांगे न मानी गई तो इसका सरकार को गंभीर परिणाम भुगतना होगा।