दरअसल, बड़ौत रेलवे स्टेशन पर कदम ताल करते पुलिस के साथ आंखों पर काला चश्मा और सफेद टीशर्ट और ब्लैक पेंट पहने कमाण्डो की तरह दिख रहे और ट्रेन में चैकिंग करते इन्हें देखकर लगता है कि शायद इन्हें किसी अपराधिक वारदात की जानकारी मिली है, लेकिन ऐसा नही है, बल्कि ये एक रिहर्सल है और इन जवानों पर ट्रेन की सुरक्षा का जिम्मा सौपा गया है। यह पहल की है सीओ जीआरपी अशोक कुमार दीक्षित ने। उन्होंने ही ये स्क्वॉयड बनाकर एक नई पहल शुरू की है। इसका नाम दिया गया है रनिंग स्क्वॉयड।
जीआरपी के रर्निग स्क्वॉयड टीम में 10 सदस्य रहेंगे, जो सर्किल एरिया में होंगे और सबंधित थानों से जुड़े होंगे। ऐसे में अगर ट्रेन में किसी के साथ कोई आपराधिक घटना होगी तो ट्रेन में सफर कर रहे उस यात्री को स्टेशन पर सबंधित थाने में शिकायत दर्ज करानी पड़ेगी, जिसके बाद सम्बंधित थाने पर तैनात पुलिसकर्मी तुरन्त कार्रवाई करेंगे। अगर घटना को अंजाम देने वाला शख्स ट्रेन में होगा तो रनिग स्क्वॉयड से सम्पर्क करेगा और उस एरिया में तैनात स्क्वॉयड के सदस्य तुरन्त अगले स्टेशन पर ट्रेन को रुकने पर उस अपराधी को गिरफ्तार करेंगे। यही नहीं, अगर ट्रेन में कोई बच्चा लापता होता है तो उसे ट्रेस करने का भी काम करेगी। किसी भी आरोपी के पकड़े जाने पर उसे जीआरपी को सौप देंगे।
इसके अलावा अगर ट्रेन में कोई गर्भवती महिला की डिलवरी जाती है तो भी ये टीम उसे स्टेशन पर एम्बुलेंस उपलब्ध कराने का काम करेगी, जिससे समय पर उपचार मिल सके। यही नहीं, इसके अलावा अगर ट्रेन में कोई विकलांग सफर कर रहा है तो उसे भी ये टीम व्हीलचेयर उपलब्ध कराएगी। स्थानी लोग जीआरपी के सीओ अशोक कुमार दीक्षित केयह भी पढ़ें- नोएडा के ऑटो की दिल्ली में एंट्री हुई बंद, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप इस कदम से काफी खुश नजर आए। हालांकि, उनका यह कदम ट्रेन यात्रियों के लिए कितना कारगर सबित होगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा। अगर ये पहल सफल होता है तो एक बात साफ है कि इससे ट्रेन में होने वाली आपराधिक घटनाओं पर अंकुश जरूर लगेगा।