आयुर्वेदाचार्य डॉ. ब्रज भूषण शर्मा के अनुसार, बैगन के गुण खासतौर पर हरा बैगन गुणों की खान है। बाजार में बैगनी रंग के अलावा हरे रंग के बैगन भी उपलब्ध होते हैं। इनका स्वाद ठीक वैसा ही लगता है, जैसा बैगनी रंग वाले बैगन का होता है। इसके नियमित सेवन से शरीर का खराब कोलेस्ट्रॉल खत्म हो जाता है, जिससे हृदय रोग की संभावना न के बराबर होती है। ऐसे ही अनेकों गुणों से भरा है यह हरे रंग का बैगन। यह रक्त वाहिकाओं की सुरक्षा करता है। हरा बैगन कैंसर से लड़ने में भी सहायक होता है, जो लोग अपने भोजन में प्रतिदिन हरा बैगन की सब्जी को शामिल करते हैं, उनको कैंसर और दिल का रोग छू भी नहीं सकता। ऐसा एलोपैथ में भी माना गया है। यह रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य को भी ठीक रखने मे मददगार होता है। इनमें ऐसे छुपे हुए गुण हैं, जो रक्त वाहिकाओं की सुरक्षा करते हैं।
दिमागी बुखार या मिर्गी से बचाव
इसे खाने से दिमाग तक जाने वाली नसें हमेशा ठीक से काम करती हैं। इसलिए इसे खाने वालों को कभी दिमागी बुखार, मिर्गी या नर्व स्पैजम नहीं होता। इसके साथ ही यह बैगन शरीर में कहीं भी दर्द हो उससे छूटकारा दिलाता है। विदेश में लोग हरे बैगन का इस्तेमाल लोअर बैक पेन, गठिया के दर्द तथा अन्य दर्द से छुटकारा पाने के लिये प्रयोग करते हैं। साथ ही यह खसरा, चेचेक और त्वचा के जल जाने पर भी इस्तमाल होता है। कैंसर से बचाए यह सब्जी कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाओं से लड़ती है। हरे बैगन का प्रयोग महिलाओं में होने वाले कैंसर को सौ फीसदी रोक देता है। आयुर्वेदाचार्य डॉ. ब्रज भूषण शर्मा बताते हैं कि पहाड़ों में महिलाएं हरे बैगन की सब्जी का प्रयोग आमतौर पर अधिक मात्रा में करती है। जिसके कारण उनमें मैदानी महिलाओं की अपेक्षा कैंसर की मात्रा सिर्फ 20 फीसदी ही रह जाती है।