दरअसल, दामाद के साथ मां ने बेटी को बड़ी हंसी-खुशी के साथ बीते 25 नवंबर को विदा किया था, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि जो बेटी उससे लिपट कर रो रही है। वह अब अपनी आवाज से मां भी नहीं पुकार पाएगी। दामाद ने मेरठ लाकर उनकी बेटी को अपने दोस्तों के सामने परोस दिया। इतना ही नहीं पत्नी को जान से मारने की नीयत से चाकू से कई वार किए, लेकिन बेटी की किस्मत अच्छी थी कि वह बच गई। इसके बाद उसके इलाज में दो लाख से अधिक खर्च हो गए, बेटी की आवाज चली गई है आैर हाथों ने काम करना बंद कर दिया है। इसकी मेरठ के जानी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई, लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की।
पीड़ितों का आरोप है कि जांच अधिकारी ने रिश्वत ले ली है। वह जब भी थाने जाते हैं तो उनसे अभद्र व्यवहार किया जाता है। उनकी बेटी की आवाज चली गई। वह हाथ से लाचार हो गई फिर भी जांच अधिकारी उसके बयान मुंह से सुनना और हाथों से लिखवाना चाहते हैं। पीड़ित मां ने बताया कि उसके दामाद ने उसकी बेटी की जिंदगी खत्म कर दी है। वहीं पुलिस उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही है। आज एसएसपी से मिलकर पीड़ितों ने मामले में कार्रवाई की बात कही।
वहीं, पीड़ित युवती के पिता का कहना है कि उनकी बेटी से मार-पीटकर नहर के पास फेंक दिया था, लेकिन किसी तरह वह बच गई। मेरठ में आठ दिन में दो लाख का बिल बन गया। दिल्ली ले जाकर इलाज करवाया। लड़की की आवाज चली गई। पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही। वो तीन बार थाने जा चुके हैं। लड़की तीन बार बयान टाइप कर दे चुकी है, लेकिन जांच अधिकारी लड़की के बयान नहीं ले रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी से मिलकर शिकायत की। इसके बाद एसएसपी ने मौके पर ही जांच अधिकारी को बुलाकर पीड़िता के बयान दर्ज करवाए। एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि युवती को कानूनी रूप से पूरा न्याय मिलेगा।