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मेरठ

एनएमसी बिल के विरोध में चिकित्सकों ने हड़ताल में किया यह, कही इतनी बड़ी बातें

शहरी आैर ग्रामीण क्षेत्रों केे मरीज पूरे दिन रहे परेशान

मेरठJul 28, 2018 / 07:52 pm

sanjay sharma

meerut

सरकार के इस बिल के विरोध में चिकित्सकों ने हड़ताल में किया यह, कही इतनी बड़ी बातें

मेरठ। नेशनल मेडिकल कमीशन बिल (एनएमसी बिल) के विरोध में देश भर के चिकित्सकों में रोष है। सरकार के इस बिल के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आर्इएमए) से जुड़े देश भर के चिकित्सक शनिवार को सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक हड़ताल पर रहे। मेरठ में भी सभी चिकित्सकों के क्लीनिक हड़ताल के दौरान बंद रहे। आपातकालीन सेवा को छोड़ कोई भी चिकित्सकीय सेवाएं चिकित्सकों ने नहीं दी। जिसके कारण आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को अधिक परेशानी उठानी पड़ी। बारिश के मौसम में उन्हें बिना इलाज ही वापस लौटना पड़ा।
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आर्इएमए हाॅल में हुर्इ बैठक फिर दिया ज्ञापन

आईएमए के प्रेसीडेंट डा. मेधावी तोमर ने बताया कि नेशनल मेडिकल कमीशन बिल (एनएमसी बिल) चिकित्सक विरोधी है। जिसके विरोध में मेरठ ही नहीं देश भर के चिकित्सक हड़ताल पर रहे हैं। विरोध स्वरूप मेरठ के आईएमए हाल में सुबह 10 बजे आईएमए से जुड़े चिकित्सकों की बैठक हुई। जिसमें आईएमए मेरठ द्वारा नेशनल मेडिकल कमीशन बिल का विरोध करते हुए इस बिल को पूर्णतः अलोकतांत्रिक और गरीबों के विरुद्ध बताया। आईएमए भवन में चिकित्सकाें ने बैठक के दौरान कहा कि यह बिल अमीरों को रास आने वाला है। बिल के माध्यम से केंद्र सरकार के समस्त अधिकारों को केंद्रीयकृत करने का इरादा स्पष्ट दिखाई देता है। लोकतांत्रिक तरीके से चुने हुए एमसीआई को समाप्त कर राष्ट्र चिकित्सा आयोग का गठन पूर्णतः अलोकतांत्रिक है। इस बिल के कारण राज्य चिकित्सा का प्रतिनिधित्व पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। बैठक में तीन की जगह 10 सदस्यों के समूहबद्ध किए जाने की सिफारिश को भी अस्वीकार किया गया है। बैठक में डा. मेधावी तोमर ने कहा कि मौजूदा नीट परीक्षा में सामाजिक आर्थिक कमजोर वर्ग के छात्रों का प्रदर्शन कमजोर रहा है। एग्जिट टेस्ट के रूप में अंतिम एमबीबीएस परीक्षा का उपयोग विभिन्न कारणों से गरीब व पिछड़े समुदायों के छात्रों के लिए काफी कठिन होगा। जिसके परिणामस्वरूप संबंधित राज्य चिकित्सा परिषदों के साथ पंजीकृत नहीं हो पाएंगे। आईएमए भवन में बैठक के बाद सभी चिकित्सक जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और वहां पर प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन केंद्र सरकार के नाम जिलाधिकारी को दिया।
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हड़ताल के चलते मरीज रहे परेशान

चिकित्सकों की हड़ताल के कारण दूर-दराज से आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। चिकित्सकों के क्लीनिक बंद होने के कारण मरीजों को वापस लौटना पड़ा।

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