बाधाएं तो कई आईं, फिर भी तैयार हुआ एक्सप्रेस-वे मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे का निर्माण अप्रैल 2018 में शुरू हुआ था। निर्माण एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार निर्माण में कई बाधाएं आईं। भूमि अधिग्रहण, मुआवजे और सर्विस लेन की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन, बारिश का खलल और प्रदूषण के चलते एनजीटी के प्रतिबंधों का भी सामना निर्माण के दौरान करना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि अगर देखा जाए तो सही से काम सिर्फ डेढ़ साल ही हुआ है।
100 की स्पीड में चलेंगी कार बताया जा रहा है कि दिल्ली से मेरठ तक का सफर इस एक्सप्रेस-वे से मात्र 70 मिनट में पूरा हो जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे पर कार को 100 किमी प्रतिघंटे और मालवाहक वाहनों को 80 किमी प्रतिघंटे अधिकतम की स्पीड से चलने की परमिशन है। दिल्ली से डासना तक यह एक्सप्रेस-वे 14 लेन का है, जबकि डासना से मेरठ तक यह 6 लेन का हो जाएगा।
अब देना होगा टोल मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे को बीते एक अप्रैल से जनता के लिए खोल दिया गया था और तब से एक्सप्रेस-वे पर बिना टोल दिए ही वाहन आ-जा रहे थे, लेकिन आगामी 25 दिसंबर से टोल वसूली शुरू हो जाएगी। बताया जा रहा है कि एक्सप्रेस-वे पर दो तरह से टोल टैक्स की वसूली होगी। पहला तरीका हाई सिक्यॉरिटी नंबर प्लेट कैमरे से रीड करके टोल वसूली होगी और फास्टैग से पैसा कट जाएगा। इसके अलावा दूसरे तरीके से टोल टैक्स की वसूली नाके पर फास्टैग के माध्यम से की जाएगी।