काम तय समय में पूरा हो और रैपिड 2025 तक पटरी पर दौड़ने लगे इसके लिए हाईपावर कमेटी की एक बैठक राजधानी लखनऊ में आयोजित की गई। जिसमें मुख्य सचिव आरके तिवारी ने निर्देश दिया कि मेरठ और गाजियाबाद में निर्माण में आ रही समस्याओं को जल्द खत्म किया जाए। उन्होंने मेरठ और गाजियाबाद के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जमीन संबंधी सभी मुद्दे अक्टूबर तक निस्तारित कर लिए जाएं। कोरोना के बावजूद तेजी से हुए काम के लिए उन्होंने काम में लगी कंपनियों की पीठ भी थपथपाई।
मार्च 2023 में चालू हो जाएगी साहिबाबाद से दुहाई तक रेपिड आरआरटीएस के प्राथमिकता खंड साहिबाबाद से दुहाई तक कुल लंबाई लगभग 17 किलोमीटर है। इसे मार्च 2023 में चालू कर दिया जाएगा और पूरी परियोजना 2025 तक पूरी हो जाएगी। अगस्त, 2020 में हुई कमेटी की पिछली बैठक के सभी निर्देशों को अमल में लाया जा चुका है। कुछ जमीन संबंधी मुद्दे ही बचे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के गंभीर प्रकोप के बाद भी एनसीआरटीसी ने कोविड नियमों का पालन करते हुए इस प्रोजेक्ट को रुकने नहीं दिया और उपलब्ध संसाधनों के बेहतर प्रबंधन से निर्माण और उससे जुड़े अन्य काम जारी रखे।
11 हजार इंजीनियर और 10 हजार से अधिक मजदूर कर रहे दिन रात काम वर्तमान में 1100 इंजीनियर और 10 हजार से ज्यादा मजदूरों के साथ तय समय सीमा में परियोजना पूरी करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। आरआरटीएस के निर्माण कार्य को निर्बाध रूप से आगे बढ़ाने के लिए मेरठ के मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और गाजियाबाद के जिलाधिकारी सहित संबंधित अधिकारियों को निर्माण कार्यों में आ रही बाधाओं को जल्द से जल्द दूर करने और जमीन संबंधी मामलों को अक्टूबर तक निस्तारित कराने के निर्देश दिए हैं।
बैठक से वापस लौटे मंडलायुक्त मेरठ मंडल सुरेंद्र सिंह ने बताया कि काम तय समय में पूरा हो इसके लिए पूरे प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि जहां पर भी कुछ बाधाएं आ रही हैं उनको जल्द से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।