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मेरठ

काेरोना से मौत के कारण बुजुर्ग को नसीब नहीं हुआ अपनों का कंधा, आठ फीट गहरे गड्ढे में रस्सी से दफनाया गया शव

Highlights

मेरठ के मेडिकल कालेज में हुई थी कोरोना संक्रमित बुजुर्ग की मौत
बुधवार की देर शाम बाले मियां कब्रिस्तान में किया सुपुर्द-ए-खाक
अंतिम संस्कार के समय कब्रिस्तान को भी सील किया गया था

 

मेरठApr 02, 2020 / 12:21 pm

sanjay sharma

meerut
मेरठ। मेरठ में कोरोना संक्रमित 72 साल के बुजुर्ग की बुधवार को मौत हो गई थी। पश्चिम उप्र में कोरोना से मौत का यह पहला और यूपी में दूसरा मामला है। बुज़ुर्ग मेडिकल के कोरोना वार्ड में भर्ती थे। 29 मार्च को उन्हें कोरोना की पुष्टि हुई थी। मृतक कोरोना फैलाने वाले अमरावती के क्रॉकरी कारोबारी के ससुर थे। जैसे ही कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मौत की खबर हुई। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसके बाद मेरठ को हाईअलर्ट पर रखा गया।
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बुजुर्ग की मौत के बाद चिकित्सकों ने शव को पूरी तरह से सील कर दिया था। बुजुर्ग का शव आने से पहले शास्त्रीनगर को भी सील कर दिया। न तो कोई शास्त्रीनगर से बाहर आ सका और न कोई भीतर जा सका। जो रिश्तेदार और परिजन मेडिकल पहुंचे वह भी बाहर दूर-दूर ही बैठे रहे। उन्होंने भी बस मौके पर पहुंचने की खानापूर्ति की। वहीं कब्रिस्तान में भी कोई नहीं पहुंचा। गिने चुने मात्र चार लोग ही शामिल रहे। शव को पूरी तरह से सील कर सीधे नौचंदी स्थित बाले मियां कब्रिस्तान ले जाया गया। वहां पर आठ फीट गहरा गड्ढा पहले से ही खोदा जा चुका था। उसी में शव को रस्सी के सहारे रखा गया और सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इससे पहले पूरे कब्रिस्तान वाले इलाके को भी सील कर दिया गया था।
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शास्त्रीनगर के सभी बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर पुलिस लगा दी गई है। कोई भी व्यक्ति शास्त्रीनगर में नहीं घुस पाएगा। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि डॉक्टरों की टीम ने बॉडी को पूरी तरह सील करने के बाद ही भेजा। वहीं शव को सुपुर्द-ए-खाक के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद रही। उन्होंने बताया कि 29 मार्च को क्रॉकरी कारोबारी के आठ रिश्तेदार कोरोना वायरस संक्रमित मिले थे, जिनमें ये बुज़ुर्ग भी थे। क्रॉकरी कारोबारी महाराष्ट्र के अमरावती से 19 मार्च की रात आया, 20 तारीख को शादी समारोह में शामिल हुआ। फिर 21 मार्च को हुमायूं नगर रिश्तेदार के घर गया।

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