डा0 भार्गव ने बताया कि कुछ वायरस के बारे में काफी जानकारियां हैं। लेकिन सब कुछ पता नहीं है। जैसा कि हमने अब तक देखा है,हर नया वेरिएंट अपने साथ कुछ न कुछ नई चीजें,नए लक्षण,नई खासियतें लेकर आ रहा है। उन्होंने बताया कि पहली और दूसरी लहर में देश में सामने आया डेल्टा वेरिएंट सबसे घातक था। इसने लाखों लोगों को मौत की नींद सुला दिया था। इस डेल्टा वेरिएंट ने खूब तबाही मचाई थी। करोड़ों लोगों को संक्रमित किया था। उनके स्वास्थ्य में काफी जटिलताएं पैदा कीं। डेल्टा के करीब एक साल बाद दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन का पता चला। जो सबसे तेजी से फैलने वाला वेरिएंट बताया गया। इससे मरीज गंभीर बीमार तो नहीं पड़ रहा है लेकिन इसके स्पाइक प्रोटीन में 30 से ज्यादा म्यूटेशन हैं। इससे यह वैक्सीन से मिली इम्युनिटी को भी चकमा दे रहा है। इसीलिए इस बात की कोई गारंटी नहीं दी जा सकती कि कोरोना कमजोर हो रहा है और भविष्य में अब इसमें किसी तरह का कोई नया बदलाव नहीं आएगा।’ उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए अभी तक वैक्सीन की बूस्टर डोज को ही कारगर माना गया है।