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काॅलेज टूर के दौरान मुस्लिम छात्रा ने भाजपा की टोपी पहनने से किया इनकार तो 2 छात्रों ने बस में किया ये गंदा काम ये सामने आ रहे हैं विराेधाभास दो अप्रैल को लाॅ इंस्टीट्यूट का 55 छात्र-छात्राआें व चार फैकल्टी मेंबर का कालेज टूर आगरा गया था। वहां से आने के बाद छात्रा ने उससे बस में भाजपा का पटका पहनाने आैर बदसलूकी की शिकायत की थी। ट्वीटर पर कालेज टूर की घटना को पोस्ट करने के बाद इस मामले में भूचाल आ गया था। छात्रा की शिकायत पर इंस्टीट्यूट प्रबंधन ने छात्रों को सस्पेंड कर दिया। ट्वीटर पर पोस्ट करने के बाद से इस पर विरोधाभास भी शुरू हो गया है। दरअसल, ट्वीटर पर बयान के बाद छात्रा अपने ही बयान से पलट गर्इ है। छात्रा ने कहा कि बस में किसी भाजपा कार्यकर्ता ने बदसलूकी नहीं की। इंस्टीट्यूट के एक छात्र ने बदसलूकी की, जिसके खिलाफ वह कार्रवार्इ चाहती है। छात्रा का कहना है कि छात्र शराब पी रहा था। फिर वह उसके पास आया आैर डांस करने की जिद की। छात्र ने बस में पड़े भाजपा का पटका उठाकर गले में डालकर डांस करने को कहा। यह पटका कहां से आया, इस पर छात्रा का कहना है कि बस शायद किसी चुनावी रैली में गर्इ थी। उसका सामान वहां पड़ा हुआ था।
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ट्रिप पर गई छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में आया नया मोड, कालेज के छात्रों ने जारी किया ये वीडियो अभी तक जांच में ये हुआ छात्रा के साथ बदसलूकी की शिकायत के बाद इंस्टीट्यूट प्रबंधन ने तीन सदस्यीय महिला सेल गठित कर दी है। महिला सेल ने कालेज टूर पर गए 55 छात्र-छात्राआें में से 28 से लिखित बयान लिए हैं। 28 में से 25 छात्र-छात्राआें ने छात्रा के साथ बदसलूकी से इनकार किया है। इनमें तीन छात्रों ने यह जरूर माना कि कुछ छात्रों ने छात्रा के साथ बदसलूकी की। महिला सेल ने अन्य छात्र-छात्राआें से भी पूछताछ व लिखित में जवाब मांगा है। हालांकि इंस्टीट्यूट प्रबंधन की आेर से जो बयान आया है, उसमें भी विरोधाभास है। प्रबंधन ने छात्रा के साथ तीन के बजाय दो छात्रों के समर्थन करने की बात कही है। पहले मीडिया में दो छात्रों के निष्कासित होने की बात कही थी, जबकि प्रबंध तंत्र का बयान है कि दोनों आरोपी छात्रों को सस्पेंड किया गया है।
इनका कहना है लाॅ इंस्टीट्यूट के प्रवक्ता डा. विनीत कौशिक का कहना है कि उस कालेज टूर में 55 लोग थे। इनमें 20 से 25 छात्राएं थी। सिर्फ दो छात्रों ने छात्रा की बात का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रूप से सभी से पूछताछ की है आैर उन्होंने बदसलूकी होने से इनकार किया है। डा. कौशिक का कहना है कि यदि जांच में छात्रा का आरोप निराधार निकलता है तो सस्पेंड छात्रों के बारे में प्रबंधन तभी कोर्इ निर्णय लेगा। इस बारे में वह कुछ नहीं कह सकते।