छापेमारी से व्यापारिक समूहों में खलबली सीबीआई की छापेमारी से मेरठ के अन्य व्यापारिक समूहों में खलबली मच गई है। राजस्नेह से जुड़े कारोबारी भी अपने प्रतिष्ठान बंद कर भूमिगत हो गए हैं। छापेमारी में सुरक्षा की दृष्टि से स्थानीय पुलिस की मदद ली गई है। हालांकि पुलिसकर्मियों या पुलिस अधिकारियों को छापेमारी की कार्रवाई से सीबीआई के अधिकारियों ने अलग रखा है। गौरतलब है कि राजस्नेह पर अपनी बकाया रकम के लिए बैंक भी पहले की कार्रवाई कर चुका है। राजस्नेह के दिल्ली रोड स्थित शोरूम को बैंक ने कानूनी कार्रवाई कर सील लगवा दी थी।
सुबह आठ बजे से जारी है छापेमारी सीबीआई की टीम ने निदेशकों के घर पर एक साथ सुबह 8 बजे छापेमारी की कार्रवाई की। राजस्नेह के निदेशक अशोक जैन के आवास सूर्य प्लेस, मनोज गुप्ता के आवाज सदर बाजार और अनिल जैन के वर्धमान फ्लोर मिल मोहकमपुर और अशोक जैन के पुराने आवास प्रेमपुरी में सीबीआइ की टीम ने एक साथ सुबह 8 बजे छापा मारा है। सीबीआई की टीम चारों जगह एकसाथ पहुंची और घर के भीतर सभी परिजनों को एक जगह एकत्र कर उनको ड्राइंग रूम में बैठा दिया गया। इस दौरान सीबीआई की टीम ने परिजनों के मोबाइल फोन भी अपने कब्जे में ले लिए। टीम ने परिजनों से लोन संबंधी कागजातों के बारे में भी पूछताछ की।
फर्जी कागजात पर करोड़ों के लोन से जुड़ा है मामला बताया जाता है कि कई कार कंपनी के डीलर रहे राजस्नेह फर्म ने करोड़ों का लोन फर्जी कागजों पर लिया हुआ है। जिसे लेकर सीबीआइ की छापेमारी हुई है। सीबीआई की टीम निदेशकों के घर से कागजात तलाश रही है। पुलिस ने आसपास के इलाके को भी पूरी तरह से सील कर दिया है। जिससे कि कोई भी व्यक्ति छापेमारी में बाधा न उत्पन्न कर सके।