शुरू कर सकते हैं ईंट बनाने का व्यापार बता दे कि अब बिल्डिंग निर्माण में लाल के स्थान पर थर्मल पावर प्लांट की कोयले की राख से बनी ईंटें इस्तेमाल हो रही हैं। इन ईंटों का चलन छोटे कस्बों और गांव में भी शुरू हो रहा है। अगर खाली जगह या प्लॉट है तो बेरोजगार व्यक्ति राख से ईंट बनाने का ये व्यापार शुरू कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि इस व्यापार को शुरू करने के लिए सरकार भी मुद्रा योजना के तहत लोन भी मिलेगा।
मुद्रा लोन स्कीम की भी ली जा सकती है मदद सीडीओ शशांक चौधरी ने बताया कि राख से ईंट बनाने के व्यापार में बेरोजगारों को पूरी मदद का जिम्मा खादी और ग्रामोद्योग का होगा। इसके अनुसार व्यापार को शुरू करने में जो भी खर्च आएगा। उस पर विभाग बैंक से लोन दिलवाएगा। प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत भी इस व्यापार के लिए लोन लिया जा सकता है। इसके अलावा मुद्रा लोन स्कीम की भी मदद ली जा सकती है।
कच्चे माल के रूप में पावर प्लांट से निकली राख की जरूरत होती है। ऊर्जा मंत्रालय ने इसके लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू की है। ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक, यह निर्देश दिया गया है कि बिजली संयंत्र हमेशा पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से फ्लाई ऐश की नीलामी करेंगे। अगर बोली के बाद भी राख पावर प्लांट में बच जाती है तो उसे फ्री में ही उन बेरोजगारों को दिया जाएगा जो इससे ईंट बनाने का बिजनेस करना चाहते हैं। लेकिन ये ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर दी जाएगी।