देखें वीडियो: स्कूल में छात्रों की जिंदगी से खिलवाड़ यह है डिजिटल इंडिया की तस्वीर हम आपको सरकारी स्कूल की उस क्लास के बारे में बताते हैं, जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे। इस क्लास की ये तस्वीर कोई 20 साल पुरानी नहीं है। बल्कि यह उस डिजिटल इंडिया की तस्वीर है, जहां सब कुछ इंटरनेट पर ही हो जाता है। अब इसको देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश का भविष्य कैसे माहौल में शिक्षा ले रहा है। बच्चे स्कूल की छत के नीचे भी छाता लेकर पढ़ने को मजबूर हैं।
देखें वीडियो: टीचर ने स्कूल पढ़ने गए मासूम बच्चे को बनाया सफाई कर्मचारी,स्कूल परिसर में लगवाया झाड़ू बागपत के प्राथमिक विद्यालय नंबर एक का मामला दरअसल, यह मामला बागपत के प्राथमिक विद्यालय नंबर एक का है। वहां बारिश होते ही छत टपकने लगती है। छत टपकने से परेशान बच्चों को छत होते हुए भी छाता लेकर पढ़ना पड़ रहा है। आलम यह है कि जब बारिश होती है तो छात्र अपने घर से छाता लेकर आते हैं। वे कमरे में छाता लगाकर बैठने के बाद पढ़ाई करते हैं। ऐसा नहीं है कि इस समस्या की प्रसाशन से शिकायत नहीं की गई।
638 बच्चों के लिए केवल एक कमरा स्कूल की शिक्षिका का कहना है कि स्कूल में 638 बच्चों का नामांकन है। स्कूल में केवल छह कमरे हैं। कहीं और व्यवसथा न हो पाने के कारण बच्चों को छाता लेकर बैठने को कहा गया था। इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।
कब तक मिलेगा छुटकारा, नहीं पता अध्यापकों ने बारिश शुरू होने से पहले ही इसकी शिकायत की थी, लेकिन किसी भी प्रसाशनिक अधिकारी ने उनकी शिकायत का संज्ञान नहीं लिया। मामले को लेकर जब डीएम ऋषिरेंद्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए। उनका कहना है कि अगली बारिश से पहले मामले का निस्तारण करने के निर्देश जारी किया गया है। साथ ही दर्जनों पुरानी बिल्डिंग की शिकायतों का निपटारे पर उनको जवाब नहीं सूझा। कब तक इन बच्चों को टपकती क्लास से छुटकारा मिलेगा, यह कहना मुश्किल है।