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बढ़ा है आत्मविश्वासप्रियंका गोस्वामी ने पत्रकारों को बताया कि टोक्यो ओलिंपिक गेम्स में उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। वहां थोड़ा डर के साथ प्रतिभाग किया, लेकिन अब आगे की प्रतियोगिताओं में आर-पार की प्रतिस्पर्धा करेंगी और देश के लिए पदक लेकर आएंगी।
प्रियंका गोस्वामी ने बताया कि शुरुआत में तीन मिनट अन्य प्रतिभागियों के साथ धीमी चली जो अंत में रफ्तार बढ़ाकर उनसे आगे निकल गईं। जबकि प्रियंका हमेशा 12 से 14 किमी की तेज रफ्तार से चलती हैं। प्रतियोगिता के दबाव और तेज चलने पर असफल होने के डर से वह शुरू में धीमी चलीं। जबकि अन्य देशों की प्रतिभागी शुरू में धीमा चलकर अंत में रफ्तार बढ़ाती हैं।
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फेडरेशन ने की तारीफप्रियंका गोस्वामी ने बताया कि देश की राजधानी दिल्ली पहुंचने पर एथलेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने तारीफ की और आगे क्या सुधार हो सकता है, इसके बारे में पूछा। प्रियंका ने बिना डरे अपने प्रदर्शन को ही मजबूत बनाने की बात कही।
प्रियंका गोस्वामी के मेरठ पहुंचने पर उनके पिता मदन पाल और भाई कपिल गोस्वामी ने बेटी को गले से लगाकर स्वागत किया। गौरव के इन पलों को बयां करने के लिए उनकी जुबां से तो शब्द नहीं निकले, लेकिन आंखों में आंसू छलक पड़े। कोच गौरव त्यागी ने भी प्रियंका की पीठ थप थपाकर स्वागत किया और कहा कि प्रियंका गोस्वामी आगे की सभी प्रतियोगिताओं में देश के लिए पदक लेकर आएंगी।
प्रियंका गोस्वामी अपने परिवारजनों और कोच के साथ मोहकमपुर स्थित घर पहुंचीं तो मां अनिता पाल ने पहले बेटी की आरती उतारी और खीर से मुंह मीठा कराया। उन्होंने प्रियंका को मिठाई खिलाई।