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मेरठ में एक झुग्गी में लगी आग तो 150 को चपेट में ले लिया, गनीमत रही… एेसे पाएं हनुमान की कृपा दुर्लभ योग पूर्ण हनुमान जयंती पर विशेष वरदायी प्रभाव बैसाख स्नान प्रारम्भ-चैत्र शुक्ल पूर्णिमा से बैसाख मास का स्नान भी प्रारम्भ हो जाता है। अतः सूर्य उदय से पहले उठकर ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ जपकर किया गया स्नान तथा पंखा, खरबूजा, फल, नया अनाज आदि का दिया दान प्रातः 6:16 से शाम 6:07 मिनट से पूर्व कर लेने से आध्यात्मिक उत्थान के योग बना पाते हैं।
हनुमान का ऐसे मनायें प्राकट्य दिवस भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी का हुआ तथा तुरंत एक सप्ताह के अंदर उनकी सेवा के लिए भगवान
शिव का ग्यारहवां रूद्र अवतार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर हनुमान के रूप में प्राकट्य हुआ। पूजन में लाल व पीले वस्त्र, केसरयुक्त चंदन, मूंज की यज्ञोपवीत, विशेष शुभ प्रभावी होती है। सूर्योदय पश्चात प्रातःकरें पूजन विशेष-मध्य रात्रि 12:12 बजे बाल हनुमान का जन्म समय है। शनिवार को चैत्र पूर्णिमा तिथि है, अतः शनिवार की प्रातः ही हनुमान जयंती है। इस दिन हनुमान जयन्ती पर गेंदा, हजारा, गुलाब आदि के फूल चढ़ाने से शुभता बढ़ती है। स्त्रीवाचक फूल जैसे- जूही, चमेली आदि नहीं चढ़ाने चाहिए। प्रसाद के रूप् में चूरमा, केला, अमरूद का भोग चढाना लाभकारी योग बनाता है। दोपहर तक कोई भी नमकीन चीज नहीं खानी चाहिए। सुबह चोला चढाने से जीवन में शुभताएं बढ़ती है। हनुमान चालीसा, सुन्दर-काण्ड आदि का पाठ करना उत्तम है।